नेशनल लोक अदालत में बिछड़े दो दंपति हुए एक, झाबुआ जिले में कुल 13 खंडपीठों पर हुआ प्रकरणों का निराकरण
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं जिला न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ श्री अशोककुमार तिवारी के मार्ग दर्शन में 14 सितंबर, शनिवार को जिला न्यायालय झाबुआ एवं तहसील न्यायालय थांदला तथा पेटलावद में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को सुबह लोक अदालत का शुभारंभ विशेष न्यायाधीष श्री एमके शर्मा, कलेक्टर प्रबल सिपाहा एवं पुलिस अधीक्षक विनीत जैन द्वारा मां सरस्वतीजी के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायालय के अन्य न्यायाधीशगण एवं अधिवक्ता भी उपस्थित थे। लोक अदालत में जिला न्यायालय परिसर में विभिन्न बैंको के साथ नगरपालिका एवं विद्युत मंडल के भी केंद्र बनाए गए, जहां बैंकों द्वारा लोन प्रकरण, नगरपालिका द्वारा संपत्ति एवं जल कर प्रकरण तथा विद्युत मंडल के
अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा बिजली बिल संबंधी प्रकरणों का निराकरण किया गया। नगरपालिका के संपत्ति एवं जल कर संबंधी कुल 95 प्रकरण रखे गए है, जिसमें से दोपहर 1 बजे तक करीब 25 प्रकरणों का निराकरण हो चुका था। वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा झाबुआ द्वारा भी न्यायालय परिसर में अपना स्टॉल लगाया। यहां बेंक के करीब 350 प्रकरण रखे, जिसमें दोपहर 1 बजे तक 18 प्रकरण निराकृत हुए। जिसमें एक प्रकरण ट्रेक्टर लोन का रहा। ग्राम पिटोल निवासी प्रेमसिंह पिता भुवानसिंह बड़दवाल के दादाजी द्वारा गत वर्ष ट्रेक्टर खरीदने के लिए बीओबी शाखा झाबुआ से लोन लिया था। उनके मरणोपरांत पोते प्रेमसिंह ने लियए लोन की सभी किष्ते किसी कारणवष बीच में अदा नहीं कर पाने से संपूर्ण लोन की किष्त 95 हजार रू. अदा की और लोक अदालत में अपने लोन प्रकरण का निपटारा करवाया।
दूसरी शादी कर लेने से पहली पत्नि हुई पति से अलग
लोक अदालत में विषेष न्यायाधीश श्री एमके शर्मा की खंडपीठ पर भानु पिता थावरिया भूरिया उम्र करीब 25 वर्ष निवासी ग्राम ढेकल बड़ी की पत्नी शरमा द्वारा करीब 8 से 10 महीने पूर्व भानु द्वारा दूसरी पत्नि रख लेने से पति से अलग होकर कोर्ट में न्याय हेतु याचिका दायर की। पत्नी शरमा की ओर से प्रकरण की पैरवी वरिष्ठ अभिभाषक मनीष कानूनगो ने की। वहीं पति की ओर से प्रकरण का संचालन अभिभाषक ललित शाह ने किया। दोनो पति-पत्नि लोक अदालत में विषेष न्यायाधीष श्री शर्मा की खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत हुए। जिसमें पति ने दूसरी पत्नि को छोड़कर पहली पत्नी शरमा के साथ सुखमय जीवन बीताने की बात कही। जिस पर लोक अदालत में दोनो एक हुए। उनका पुष्पामाला पहनाकर स्वागत कर एक हुए दंपति को पौधा प्रदान किया गया।
मानसिक प्रताड़ता देने से पति-पत्नि से हुई जुदा
एक अन्य प्रकरण प्रथम श्रेणी न्यायाधीष राजकुमार चौहान की खंडपीठ पर आया। जिसमें 14 मई 2018 को संगीता अपने पति धर्मेन्द्र प्रजापत निवासी कुम्हार मौहल्ला कल्याणपुरा द्वारा मानसिक प्रताड़ता देने से अलग हो गई थीं। दोनो पक्ष शनिवार को लोक अदालत में पेश हुए और उनके बीच राजी-खुशी जीवन जीने का निर्णय लिया। इस पर दोनो पति-पत्नि का पुष्पामाला पहनाकर स्वागत किया। पत्नि संगीता की ओर से प्रकरण की पैरवी अभिभाषक शाहिद खान एवं पति की ओर से प्रकरण का संचालन वरिष्ठ अभिभाषक दिलीप मालवीय ने किया।
कुल 751 प्रकरणों का हुआ निराकरण
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ के जिला विधिक सहायता अधिकारी सिमोन सुलिया ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित कुल 2540 प्रकरण रखे गए जिसमें 262 प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं समझौता राशि 7957590 रहीं। प्रीलिटिगेशन के कुल प्रकरण 5415 रखे गए जिसमें से 489 प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं समझौता राशि 3804260 रही। इस प्रकार कुल प्रकरण 7955 रखे जिसमें कुल 751 प्रकरणों का निराकरण हुआ एवं कुल समझौता राशि 11761850 रही। पक्षकारों को न्याय प्रतीक के रूप में फलदार, छायादार वृक्ष के पौधें भी वन विभाग झाबुआ की ओर से वितरित किए गए।
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