महिला बाल विकास की बड़ी लापरवाही सामने आई
खंडवा (ललित दुबे) - कुपोषण के दहलीज पर खड़े कुपोषण का दंश झेलने वाले खंडवा जिले में एक और जहां हर माह यहां कुपोषण के कारण बच्चों की मौतें हो रही है, वहीं कुपोषण मिटाने वाली संस्था महिला बाल विकास की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. देखिए किस तरह एक तरफ एक तरफ जिले में बच्चे खाने के लिए तरस रहे हैं तो वहीं बच्चों के हक का पोषण आहार को नालों में बहा दिया जाता है। देखिए ये रिपोर्ट।
जरा इन मासूम कराहते बच्चों को देखिए. ये खालवा क्षेत्र के वो बच्चे हैं जो कुपोषण का दंश झेल रहे हैं. ऐसे में इन मासूमों के हक का निवाला अगर इनका पोषण करने के बजाय नाले में पड़ा मिले तो इसे आप अपराध नही तो और क्या कहेंगे? जी हाँ यही अपराध खंडवा जिले में हुआ है. कुपोषण के लिए बदनाम खंडवा जिले में महिला बाल विकास की बड़ी लापरवाही सामने आई है. खालवा के जंगलों में बच्चों को आंगनवाडियों में मिलने वाला पोषण आहार खेत के नाले में बड़े पैमाने पर फेंका हुआ पाया गया. स्थानीय लोगों ने जब इसे देखा तो चौंक गए. करीब 20 पैकेट पोषण आहार के नाले में तैर रहे थे. ये कोई एक्सपायर अवधि के नही बल्कि जुलाई माह के हैं जिसकी अवधि नवम्बर माह में समाप्त होगी. इसके बावजूद इतने बड़े पैमाने पर इन पोषण आहारों को जिस बेदर्दी से फेंका गया है यह किसी सोची-समझी साजिश का हिस्सा हो सकता है. पंधाना विधायक राम डांगोरे ने पूरे मामले में जांच की मांग की है.
इधर जब इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी जिला प्रशासन को दी गई तो उन्होंने मौके पर टीम भेजकर जांच का भरोसा दिलाया है.
SIGN OFF - बहरहाल, कुपोषण के लिए बदनाम इस जिले में महिला बाल विकास की लापरवाही का यह पहला मामला नही है. इससे पहले भी बच्चों को बाँटने वाला दूध का पैकेट भी बड़े पैमाने पर जलाने के मामले में लीपापोती हो चुकी है. अब देखना यह है की क्या वाकई बच्चों को इन्साफ मिलेगा या नही?
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