महाविद्यालय में प्रवेश के लिये पहले आओ पहले पाओ के लिये लगी भीड़ | Mahavidhyalay main pravesh ke liye pahle aao phle pao ke liye lagi bheed

महाविद्यालय में प्रवेश के लिये पहले आओ पहले पाओ के लिये लगी भीड़, जगह नही होने से कई विद्यार्थी रहे वंचित


बडवाह (गोविंद शर्मा) - मध्यप्रदेश के बडवाह में शुक्रवार को महाविद्यालय के विभिन्न संकायों में प्रवेश के लिए छात्र - छात्राओं की भारी भीड़ देखी गई। सुबह 11 बजे से पहले आओ पहले पाओ की एडमिशन प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन इच्छुक विद्यार्थी सुबह 8 बजे से ही पहुंचकर कालेज में लाईन लगाकर खड़े हो गए थे।लेकिन उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर कालेज प्रबन्धन द्वारा विभिन्न संकायों में केवल निश्चित सीमा 25 प्रतिशत तक सीटो की वृद्धि की गई थी। ऐसे में इन सीटो पर एडमिशन के लिए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर विद्यार्थियों को टोकन वितरित किए गए। टोकन प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों ने फार्म जमा कर ऑनलाईन फ़ीस भरकर एडमिशन प्राप्त किया। लेकिन कई विधार्थी इस प्रक्रिया से वंचित होकर आक्रोशित नजर आए।

प्रवेश समिति प्रभारी डॉ एसके शर्मा ने बताया की  जो विद्यार्थी वंचित रह गए है उन्हें निराश होने की जरूरत नही है यह प्रक्रिया 13 सितम्बर तक चलेगी जिन विद्यार्थियों ने टोकन प्राप्त किए है यदि वे उसी दिन शाम तक ऑनलाईन फिस जमा करेंगे तो ही वे प्रवेश प्राप्त करेंगे अन्यथा उनका एडमिशन निरस्त हो जाएगा।अगले दिन सुबह फिर से पहले आओ पहले पाओ के तहत टोकन वितरित कर रिक्त सिट विद्यार्थियों को आवंटित की जाएगी।

कुछ संकायो में शत प्रतिशत एडमिशन हुए लेकिन कई संकाय ऐसे भी है जिनमे तीन काउसिलंग के बाद भी सिट रिक्त पड़ी है। जिसमे एमएसडब्ल्यू ,एमए अर्थशास्त्र,बीएससी मैथ्स बीएससी सीएस,एमए पोलिटिकल साईंस,बीकाम टेक्स,बीकाम प्लेन, बीकाम सीएस में सिट रिक्त है। ईच्छुक विद्यार्थी इसी प्रक्रिया के तहत इन रिक्त सीटो पर प्रवेश प्राप्त कर सकते है 

नांदरा की जया पाटीदार एमए पोलिटिकल साइंस में एडमिशन प्राप्त करना चाहती थी। लेकिन कालेज प्रबन्धन द्वारा सुचना दी गई की सिट नही है तो वे मायूस हो गई। इसी दौरान मिडियाकर्मियों द्वारा 4 सीट  शेष होने की जानकारी देने के बाद उन्होंने प्रवेश खिड़की पर जाकर एडमिशन लिया। 

जया ने बताया की वे पिछले दिनों में चार बार कालेज में आकर पूछ चुकी है लेकीन सीट नही होने की जानकारी दी गई।जबकि सिट रिक्त थी। कालेज प्रबन्धन द्वारा इस प्रकार लापरवाही करना समझ से परे है।

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