महाराष्ट्रीयन परिवारों में तीन दिवसीय महालक्ष्मी उत्सव | Maharastriyan parivaro main 3 divasiy mahalaxmi utsav
महाराष्ट्रीयन परिवारों में तीन दिवसीय महालक्ष्मी उत्सव
बड़वाह (गोविंद शर्मा) - मध्यप्रदेश के बडवाह में निवासरत महाराष्ट्रीयन परिवारों में गणेशोत्सव के साथ-साथ तीन दिवसीय महालक्ष्मी उत्सव भी धूमधाम से मनाया जा रहा है। गणेश स्थापना के चोथे दिन गुरुवार को महालक्ष्मी जी की स्थापना के साथ ही इस तीन दिवसीय उत्सव की शुरुआत हो गई है।
माता लक्ष्मी के आगमन से घरों में सुख-संपन्नता और सदैव लक्ष्मी का वास हो, कुछ ऐसी ही मनोकामना के साथ महाराष्ट्रीयन परिवार तीन दिवसीय महालक्ष्मी उत्सव का आयोजन करते हैं। महालक्ष्मी व्रत में घर को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है और तीन दिनों तक विधीवत आयोजन किए जाते हैं।
गृहणी शालिनी उमेश होल्कर,उदिता होलकर ज्योत्सना फड़से,डिम्पल पारके आदि ने बताया की पहले दिन माताजी ज्येष्ठा एवं कनिष्का की स्थापना कर आरती की गई। स्थापना वाला घर मायका कहलाता है। यही कारण है की उनके आगमन पर विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर खूब खातिरदारी की गई। दुसरे दिन शुक्रवार को माताजी को 56 विशेष पकवानों का भोग लगाया गया| साथ ही उन्हें महाराष्ट्रियन साड़ी पहनाकर विशेष श्रृंगार कर सुहाग की वस्तुए भी अर्पित की गई है। तीसरे दिन गुरुवार को माताजी की विदाई की जाएगी। धार्मिक मान्याताओ के अनुसार बहने ज्येष्ठा और कनिष्का महालक्ष्मी जी का ही एक रूप है। ये रिश्ते में गणेश जी की बहन लगती है। महालक्ष्मी साल में तीन दिन अपने पुत्र पुरषोत्तम के साथ अपने भाई गणेश से मिलने आती है।
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