लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा उप-चुनाव में भाग्य आजमाने जा रहे कांतिलाल भूरिया, जेवियर मेड़ा के बगावती सुर हुए ठंडे | Lok sabha chunav ke baad ab vidhan sabh up chunav main bhagy aajmane ja rhe kantilal bhuriya

लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा उप-चुनाव में भाग्य आजमाने जा रहे कांतिलाल भूरिया, जेवियर मेड़ा के बगावती सुर हुए ठंडे

लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा उप-चुनाव में भाग्य आजमाने जा रहे कांतिलाल भूरिया, जेवियर मेड़ा के बगावती सुर हुए ठंडे

कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन फार्म में मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित अन्य कई मंत्रियों का आना लगभग हुआ तय

झाबुआ (मनीष कुमट) - झाबुआ विधानसभा के उप-चुनाव में कांग्रेस ने जहां अपना अधिकृत उम्मीद्वार पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया को घोषित कर दिया है। उनके नाम की सिफारिष स्वयं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने करते हुए उनके अधिकृत प्रत्याषी का सूचना-पत्र अभा कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने जारी किया है।

 वहीं कांतिलाल भूरिया के राष्ट्रीय स्तर पर नाम की घोषणा होने के बाद से ही जैसे पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा के बगावती सुर भी ठंडे हो गए है। उधर कांग्रेस प्रत्याषी कांतिलाल भूरिया द्वारा 30 सितंबर, सोमवार को भव्य सभा कर रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचकर नामांकन फार्म जमा किया जाएगा। उनके उक्त कार्यक्रम में स्वयं मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित आधा दर्जन मंत्रियों का शामिल होना लगभग तय हो चुका है। दूसरी ओर फिलहाल मप्र में विपक्ष में बैठी भाजपा ने अब तक अपना अधिकृत उम्मीद्वार घोषित नहीं किया है। संभावना है कि 28 सितंबर, शनिवार की रात तक भाजपा की ओर से भी अधिकृत प्रत्याषी की घोषणा कर दी जाएगी। 

उपचुनाव पर स्वयं प्रदेष के मुख्यमंत्री सहित अन्य मंत्रियों की नजर

झाबुआ विधानसभा के उपचुनाव की सरगर्मी एवं चर्चाएं ना केवल झाबुआ और आलीराजपुर जिले अपितु मप्र के साथ देश में भी हो रहीं है, चूंकि यह उप-चुनाव विषेषकर वर्तमान में सत्ता में बैठी कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण होने से इस पर स्वयं मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित अन्य मंत्रियों की निगाहे भी गढ़ी हुई है। उधर भाजपा के लिए यह चुनाव सत्ता में परिवर्तन करने की पहल करने हेतु महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योकि वर्तमान में कांग्रेस पार्टी की सरकार स्पष्ट बहुमतों की नहीं होने से कहीं ना कहीं स्वयं प्रदेश के मुखिया एवं उनकी सरकार के मंत्रियों को यह भय है कि यदि इस विधानसभा सीट पर फैरबदल अर्थात भाजपा प्रत्याषी फतह हासिल करता है, तो इसका असर सरकार पर भी पड़ सकता है।

भूरिया की टिकीट फायनल होते ही मेड़ा हुए ठंडे

जैसे ही 25 सितंबर की देर शाम पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया की टिकीट सीधे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी दिल्ली से तय हुई। जिसमें जारी सूचना पत्र में स्वयं कांग्रेस की हाईकमान सोनिया गांधी की अनुंसषा होने एवं राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक के हस्ताक्षर होने का सूचना-पत्र वायरल हुआ तो एक ओर जहां कांतिलाल भूरिया समर्थकां में खुषी की लहर छा गई तो दूसरी ओर उनके प्रतिद्वंदी होकर ही पार्टी से टिकीट की चाह में एड़ी-चोटी का बल लगा रहे पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा में भी कांतिलाल भूरिया के अधिकृत नाम की सीधे दिल्ली से घोषणा बाद बगावती (विरोध) के स्वर ठंडे हो गए।

निवास पर लगा कार्यकर्ताओं और समर्थकों का जमावड़ा

हॉलाकि कांतिलाल भूरिया के नाम की घोषणा बाद जेवियर मेड़ा के निवास पर जरूर बडी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थकों का जमावड़ा लग गया, जो अगले दिन 26 सितंबर को दोपहर तक भी लगा रहा। इस दौरान ज्ञात हुआ कि मेड़ा के निवास पर जिला कांग्रेस एवं ब्लॉक कांग्रेस के भी कई पदाधिकारी उन्हेंं मनाने या उनका समर्थन के लिए पहुंचे थे। इस दौरान जेवियर मेड़ा ने कार्यकर्ताओं और समर्थकां को संबोधित करते हुए उनका साथ देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया, लेकिन वे इस दौरान किसी भी प्रकार कोई बयान या कांतिलाल भूरिया एवं कांग्रेस के खिलाफ विरोध के स्वर बुलंद करते दिखाई नहीं दिए। वहीं मीडिया से भी चर्चा में उन्होंने कुछ भी साफ तौर पर कहने से इंकार किया। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि संभवतः इस बार जेवियर मेड़ा का पिछले विधानसभा चुनाव की तरह कांग्रेस पार्टी से टिकीट नहीं मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का कोई मन नहीं है। इस बीच विष्वस्त्र सूत्रों से यह ज्ञात हो रहा है कि पार्टी के प्रादेषिक एवं राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारियों ने यह कहकर उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी भूरिया के पक्ष में प्रचार-प्रसार करने के लिए तैयार किया है कि मेड़ा को आगामी दिनों में मप्र का कोई बड़ा पद सौंपा जाएगा।

दूसरी बार अपना भाग्य आजमा रहे कांतिलाल भूरिया

उधर लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा उपचुनाव से भी कांग्रेस पार्टी से टिकीट पाने में सफल हुए कांतिलाल भूरिया दूसरी बार अपना भाग्य आजमाने जा रहे है। पिछले विधानसभा चुनाव में उनके पुत्र डॉ. विक्रांत भूरिया जहां भाजपा प्रत्याषी जीएस डामोर से करीब 10 हजार मतों से पराजित हुए थे। उसके बाद अगले लोकसभा चुनाव में स्वयं कांतिलाल भूरिया कांग्रेस पार्टी से खड़े होकर फिर से भाजपा प्रत्याषी जीएस डामोर से करीब 90 हजार मतों से पराजित हुए। अब तीसरी पारी में कांतिलाल भूरिया झाबुआ विधानसभा का उपचुनाव पार्टी से लड़ रहे है, इससे तो यह साफ है कि कांतिलाल भूरिया की साख एवं प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी हुई है, यह चुनाव जीतना ना केवल कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार के लिए अपितु स्वयं कांतिलाल भूरिया के लिए भी बहुत जरूरी है। 

मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित आधा दर्जन से अधिक मंत्री होंगे शामिल

कांग्रेस पार्टी से कांतिलाल भूरिया द्वारा 30 सितंबर, सोमवार को अपना नामांकन फार्म जमा किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार इससे पूर्व कांग्रेस प्रत्याषी के पक्ष में विषाल सभा उत्कृष्ट उमा विद्यालय के मैदान पर होगी। सभा में मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ सरकार के अन्य मंत्रियों के गृह मंत्री, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री, नगरीय प्रषासन मत्री, स्वास्थ्य मंत्री, ऊर्जा मंत्री, नवीनीकरण ऊर्जा, मप्र शासन के पर्यटन विकास प्राधिकरण एवं जिले के प्रभारी सुरेन्द्रसिंह बघेल के साथ झाबुआ एवं आलीराजपुर जिले के चारों विधायक सहित आसपास के जिलों के कांग्रेस विधायकगण भी शामिल होकर ना सिर्फ सभा को संबोधित करेंगे, अपितु कांग्रेस प्रत्याषी कांतिलाल भूरिया को विजयी बनाने हेतु जमकर शक्ति प्रदर्षन भी होंगे। इस बीच सूत्रों से जो ज्ञात हो रहा है सभा में स्वयं पूर्व्र विधायक जेवियर मेड़ा भी सम्मिलित होकर एकजुटता का परिचय देंगे। विशाल सभा होने के बाद विषाल रैली निकालकर कांग्रेस प्रत्याषी कांतिलाल भूरिया द्वारा कलेक्टोरेट में नामांकन फार्म जमा किया जाएगा। 

भाजपा के अधिकृत उम्मीद्वार की घोषणा भी जल्द

हमारे द्वारा जिस तरह पूर्व में खबरों में बताया जा रहा था कि पहले कांग्रेस की ओर से अधिकृत उम्मीद्वार की घोषणा होने के बाद भाजपा अपना अधिकृत उम्मीद्वार घोषित करेगी, ऐसा ही हुआ। कांग्रेस प्रत्याषी के नाम की अधिकृत घोषणा के बाद संभवतः भाजपा की ओर से प्रदेष एवं राष्ट्रीय स्तर पर पदाधिकारियों द्वारा गहन मंथन एवं विचार कर 28 सितंबर की रात तक अपना उम्मीद्वार घोषित किया जा सकता है। चूंकि 28 एवं 29 सितंबर को नामांकन फार्म जमा नहीं होने से दोनो ही प्रमुख पार्टियों के उम्मीद्वार 30 सितंबर को ही अपने-अपने शक्ति प्रदर्षन के साथ नामांकन फार्म जमा करेंगे। इसके बाद प्रचार-प्रसार और जनसंपर्क्र का दौर चल पड़ेगा।

कल्याणसिंह डामोर या शांतिलाल बिलवाल में से एक हो सकते है भाजपा के अधिकृत उम्मीद्वार 

उधर हमारे राजनैतिक सूत्रों के अनुसार भाजपा से फिलहाल दो नाम ही जोरों से चर्चा में है, जो पार्टी संगठन के भोपाल एवं दिल्ली के गलियारों में भी गूंज रहे है। उसमें पहला नाम भाजपा अजजा मोर्चे के पूर्व प्रदेष महामंत्री एवं स्वच्छ भारत अभियान की प्रदेष संयोजक तथा वरिष्ठ भाजपा नेता कल्याणसिंह डामोर का है, वहीं दूसरा नाम झाबुआ विधानसभा के ही पूर्व विधायक रहे शांतिलाल बिलवाल का है। दोनो ही टिकीट पाने के लिए एड़ी-चोटी का बल लगा रहे है। वहीं इस दौड़ में पिछले कुछ दिनों पूर्व चल रहे पेटलावद की पूर्व विधायक सुश्री निर्मला भूरिया के नाम पर फिलहाल विराम सा लगता दिखाई दे रहा है। 

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