खेतों में भरा बारिश का पानी, किसानों के अरमानों पर फिरा पानी
धमानोद (मुकेश सोडानी) - लगातार हो रही वर्षा ने ने खेतों को जलमग्र कर दिया। तेज हवा की वजह से कई जगह फसल बिछ गईं। कपास मक्का सोयाबीन और अन्य फसलों में पानी भर गया, जिस वजह से किसानों की धड़कनें तेज हो गई है। कपास की फसल के सडने और अन्य फसलों की क्वालिटी खराब होने की आशंका भी किसानों में व्याप्त हो गई इस प्राकृतिक आपदा से फसल में हो रहे नुकसान ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है।
धमानोद क्षेत्र मैं अतिवृष्टि से भारी तबाही हुई। अधिकाधिक किसानों की फसल नष्ट हो गई। इससे काफी नुकसान हुआ। किसान धर्मेंद्र कुशवाह संजय पाटीदार दीपक हिटलर दिनेश जी राती कमल सोलंकी बाबूलाल कुशवाहा आदि किसानों ने बताया कि लगातार हो रही वर्षा से फसलें नष्ट ई करण पर पहुंच गई है
कुछ दिन पहले तक तो ठीक थी लेकिन 3 दिन के बरसात ने अरमानों पर पानी फेरा
शनिवार सुबह जब किसान खेतों पर पहुंचे तो खेतों को पानी से लबालब देख अपना माथा पकड़ लिया है। चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं। काफी किसान बारिश के पानी को खेतों से निकालने में जुटे रहे। कर्ज लेकर फसल करने वाले किसान सबसे अधिक परेशान रहे। उनको चिंता सताए जा रही थी कि वह कैसे कर्ज चुका पाएंगे और कैसे अपना परिवार का भरण पोषण कर पाएंगे।क्षेत्र के आसपास के कई गांवों में इसी तरह के हालात बने रहे किसानों ने बताया कि पिछले कई वर्षो की अपेक्षा अधिक बरसात इस बार हुई है यदि 2 दिन में मौसम साफ नहीं हुआ तो बबची कुची फसल भी समाप्ति की कगार पर पहुंच जाएगी किसानों ने बताया कि कुएं और अन्य जल सिंचाई के साधन पूरी तरह से लबालब भर चुके हैं बोई हुई फसलें समाप्ति की कगार पर पहुंच गई
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