धार्मिक आयोजन के तहत् लड़को की माँओ ने कीया हलछट पर्व
ओंकारेश्वर (ललित दुबे) - भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी को यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के ज्येष्ठ भ्राता श्री बलरामजी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन श्री बलरामजी का जन्म हुआ था। हल षष्ठी की व्रतकथा महिलाएं सुबह से बिना अन्य जल खाए अपने पुत्रों की मंगल कामना के लिए करती है पंडित पुजारी के निवास पर पहुंचकर पलाश के पत्ते पर निर्मित देवी देवता तथा अस्तरे के वृक्ष से सजी भगवान की पूजा अर्चना महिलाएं करती है श्रद्धा और भक्ति के इस पर्व में नगर की महिलाएं अपने पुत्रों के साथ गणगोर माता अति प्राचीन बाड़ी स्थान पर पहुंची श्नद्दा भक्ति से आरति पुजन कीया पुजन स्थल पर श्रीमति ममता दुबे हारा ह्त छट माता की कथा सुनाई गई
धार्मिक नगरी ओंकारेश्वर में दिन भर रिम झीम बर्षा होती रही पार्षद श्रीमति माया बाई ने कहा चार दिनो से महिलाओ के तीज त्योहार चल रहे आज ह्तछट माता की पुजन लड़को की माँ ओं ने कीया बच्चो के उजवल भविष्य की प्रार्थना की जीन के यहा पुत्र नही है उन महिलाओ ने पुत्र के लिए प्रार्थना की।
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