देवेन्द्र विजयजी ने अल्प अवस्था में ही मुझे आगमों का ज्ञान प्रदान किया – अष्ट प्रभावक नरेन्द्र | Devendra vijayji ne alp awastha main hi mujhe agmo ka gyan pradan kiya

देवेन्द्र विजयजी ने अल्प अवस्था में ही मुझे आगमों का ज्ञान प्रदान किया – अष्ट प्रभावक नरेन्द्र

देवेन्द्र विजयजी ने अल्प अवस्था में ही मुझे आगमों का ज्ञान प्रदान किया – अष्ट प्रभावक नरेन्द्र

सूरीश्वरजी, सकल जैन श्वेतांबर श्री संघ ने नरेन्द्र सूरीजी को ‘प्रवचन सम्राट’ की उपाधि से किया अलंकृत

झाबुआ (अली असगर बोहरा) - स्थानीय श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीश्वरजी मसा के 50वें संयम अनुमोदनार्थ त्रि-दिवसीय महोत्सव के अंतिम दिन 8 सितंबर, रविवार को पोषध शाला भवन में भव्य गुरू गुण किर्तन सभा का आयोजन हुआ। जिसमें वह स्वर्णिम अवसर रहा कि आचार्य नरेन्द्र सूरीष्वरजी एवं प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा के परिवारजन भी शामिल रहे। साथ ही सकल जैन श्वेतांबर श्री संघ झाबुआ के साथ देष के विभिन्न शहरों और गांवों से भी श्री संघ के सदस्यगण और गुरूभक्तनों ने पधारकर आचार्य श्रीजी के संयम अनुमोदनार्थ उनके दर्षन का लाभ लिया। सभा के दौरान अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीष्वरजी को सकल जैन श्वेतांबर श्री संध झाबुआ की ओर से ‘प्रवचन सम्राट’ की उपाधि प्रदान की गई। साथ ही आचार्य एवं प्रन्यास प्रवर के परिवारजनों का श्वेतांबर जैन श्री संघ एवं श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास समिति की ओर से भावभरा बहुमान भी किया गया। 

पोषध शाला भवन में सुबह 8 बजे गुरू गुण किर्तन सभा आरंभ हुई। जिसमें सर्वप्रथम गुरूवंदन श्रावक रत्न धर्मचन्द मेहता ने करवाया। बाद चांदी के 50 सिक्कों से आचार्य भगवंत नरेन्द्र सूरीजी एवं प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी के समक्ष गहूली लाभार्थी परिवार ने की। आगम ज्ञाता परम् पूज्य देवेन्द्र विजयजी मसा की अष्टप्रकारी पूजन आचार्य नरेन्द्र सूरीजी एवं जिनेन्द्र विजयजी ने जल, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य, फल से की। इस दौरान समुधर संगीत की प्रस्तुति संगीतकार देवेष जैन (मोहनखेड़ा) एवं पार्टी इंदौर द्वारा दी गइ्र्र। बाद गुरू किर्तन सभा को संबोधित करते हुए श्वेतांबर श्री संघ के वरिष्ठ संरक्षक यषंवत भंडारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि बड़ी खुषी का अवसर है जब अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीष्वरजी के संयम अनुमोदनार्थ बावन जिनालय में त्रि-दिवसीय महोत्सव हो रहा है। मारे बीच अष्ट प्रभावक के साथ जैन धर्म दीवाकर, श्री राजेन्द्र-यतिन्द्र गुरू कृपा पात्र नरेन्द्र सूरीजी के चार्तुमास का ऐतिहासिक स्वर्णिम अवसर झाबुआ को प्रदान हो रहा है। 

जैनागमों के विषेषज्ञ विद्वान बने

श्वेतांबर जैन श्री संघ अध्यक्ष संजय मेहता ने बताया कि पूज्य श्रीजी ने बाल्याकाल में 14 वर्ष की उम्र में संयम स्वीकार कर परम् पूज्य आगम ज्ञाता, क्रियादक्ष गुरूदेव श्री देवेन्द्र विजयजी मसा के पास अध्ययन करते हुए जैनागमों के विषेषज्ञ विद्वान बने। गुरू कृपा से 17 वर्ष की उम्र में ही श्री सुधर्मा स्वामीजी के पाट पर विराजमान होकर धाराप्रवाह प्रवचन प्रदान करना प्रारंभ कर दिया था, आपके 125 प्रवचनों का प्रकाषन भी उपलब्ध है। स्थानकवासी श्री संघ अध्यक्ष प्रदीप रूनवाल ने कहा कि झाबुआ नगर एवं सकल जैन श्री संघ का यह सौभाग्य है कि आपके संयम पर्याय का रजत जयंती 25 वीं चातुर्मास भी यहीं हुआ था। साथ ही आपने 1993 के चातुर्मास में मासक्षमण महापत किया था, जिसकी हम खूब-खूब अनुमोदना करते है।

नरेन्द्र सूरीजी की आगमवाणी को श्रवण कर संपूर्ण जैन श्री संघ लाभान्वित हो रहा 

तेरापंथ महासभा अध्यक्ष पंकज कोठारी ने बताया कि आप आचार्य के स्वर्ण दीक्षा जयंती के इस वर्ष 50वें चातुर्मास में आचार्य प्रवर श्री नरेन्द्र सूरीजी की आध्यात्मिक एवं आगमवाणी को श्रवण कर संपूर्ण जैन श्री संघ लाभान्वित हो रहा है। इस अवसर पर श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास समिति से अध्यक्ष कमलेष कोठारी एवं सचिव अषोक रूनवाल ने भी आचार्य श्रीजी का जीवन परिचय देते हुए उनके गुणों का बखान किया। साथ ही श्राविकाओं में महिला परिषद् की राष्ट्रीय सह-सचिव आषा कटारिया ने पूज्य श्रीजी के जीवन पर आधारित गीत प्रस्तुत किाय। हंसा कोठारी ने आचार्य श्रीजी को सरल मना, प्रखंड प्रवचनकार, संघ एकता के षिल्पकार एवं साधुओं में उत्कृष्ट साधक बताया।

गुरूदेव देवेन्द्र विजयजी मसा ने आगमों का ज्ञान प्रदान किया

तत्पष्चात् अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीजी ने अपने जीवनकाल के बारे में बताया कि उन्हें पूज्य देवेन्द्र विजयजी मसा ने अल्प अवस्था में ही आगमों का ज्ञान प्रदान कर दिया था। आज मुझे ऐसा बनाया कि जब श्री संघ और समाज को अपना आर्षीवाद प्रदान कर रहा हूॅ। आचार्य ने अपने पूरे उद्बोधन में अपने गुरू देवेन्द्र विजयजी की महिमा का ही बखान किया। बाद प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ने कहा कि पिछले 34 वर्षों से सत्त गुरू के रूप में उन्हें नरेन्द्र सूरीजी का साथ और आर्षीवाद मिलन रहा है। वे वत्सल और प्रेम की प्रति मूर्ति है। साथ ही झाबुआ के सकल जैन श्वेतांबर श्री संघ की प्रसंषा करते हुए कहा कि आप सभी वाकई में काफी अनुषासन प्रिय है। आप सभी मंे एकता का भाव झलकता है। झाबुआ का सकल जैन श्वेतांबर श्री संघ पूरे देष के संघों के लिए मिसाल है। 

प्रवचन सम्राट की उपाधि से नवाजा

सभा के दौरान अष्ट प्रभावक नरेन्द्र सूरीजी को सकल जैन श्वेतांबर श्री संघ की ओर से श्वेतांबर जैन श्री संघ अध्यक्ष संजय मेहता, स्थानकवासी श्री संघ अध्यक्ष प्रदीप रूनवाल एवं तेरापंथ महासभा अध्यक्ष पंकज कोठारी द्वारा ‘प्रवचन सम्राट’ की उपाधि से अलकृंत किया गया। साथ ही सकल जैन श्री संघ के अन्य सदस्यों द्वारा भी अभिनदंन-पत्र एवं सम्मान-पत्र देकर आचार्य श्रीजी के संयम की खूब-खूब अनुमोदना की। 

परिवारजनों का किया बहुमान 

गुरू गुण किर्तन सभा में आचार्य श्रीजी के गृह ग्राम चैन्नई से उनकी माताजी सरस्वती बहन, भाई भूपन्ेन्द्रजी एवं भाभी और भतीजी उपस्थित रहे। वहीं प्रन्यास प्रवर जिननेन्द्र विजयजी मसा के पिता श्रीजी, भाई एवं परिवार के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। जिनका भावभरा बहुमान श्वेतांबर श्री संघ एवं श्री नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास समिति की ओर से शाल ओढ़कार श्रीफल भेंटकर किया गया। साथ ही 44 दिवसीय भक्तार महातप के लाभार्थी दिलीपभाई मुथा परिवार (भेंसवाड़ा) का बहुमान अभिनंदन-पत्र देकर श्री नवल स्वर्ण जयंती चातर्मास समिति के अध्यक्ष कमलेष कोठारी, सचिव अषोक रूनवाल, समाज रत्न सुभाषचन्द्र कोठारी, वरिष्ठ संतोष रूनवाल, निलेष लोढ़ा, जितेन्द्र जैन आदि ने किया। 

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