अन्य पर्व की तरह हिंदी दिवस का पर्व भी मनाना चाहिए - मेडा
धामनोद (मुकेश सोडानी) - जिस तरह किसी मनुष्य के अपने जीवन में कुछ तिथियां महत्वपूर्ण होती है उसी तरह देश के इतिहास में कुछ तिथियां भी महत्वपूर्ण होती है हम अपने जीवन की खास तिथियों को भी उत्सव की तरह मानते हैं इतिहास की खास तिथियों को भी राष्ट्रीय उत्सव के रूप में याद किया जाना चाहिए है 15 अगस्त 26 जनवरी 2 अक्टूबर भारत के इतिहास में हम स्वतंत्रता दिवस गणतंत्र दिवस और गांधी जयंती के रूप में राष्ट्रीय स्तर के रूप में मनाते हैं इसी तरह 14 सितंबर हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है प्रत्येक देश के नागरिक को यह भी पर्व की तरह मनाना चाहिए यह बात कही विधायक पाचीलाल मेड़ा जो हिंदी दिवस पर कार्यक्रम में अतिथि थे प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 सितम्बर हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देश पर बी आर सी सी धरमपुरी ओमेंद्र सिंह चौहान व बी आर सी सी नालछा दिलीप शास्त्री के निर्देशन में आय टी आय प्रेक्षा गृह में कक्षा 5 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए विकाशखण्ड स्तरीय कहानी उत्सव कार्यकृम आयोजित कर वाल ऑफ़ फेम में आने वाली शालाओ का सम्मान किया गया क्षेत्रीय विधायक पांचीलाल मेडा के मुख्य आतिथ्य व प्राचार्य बालक उ.मा. वि.धामनोद ओ पी केशरी व संकुल प्राचार्य कुसुमला जितेंद्र जोधटा के विशेष आतिथ्य में सम्पन्न हुआ कार्यक्रम में विधायक के साथ विनय पाटीदार कमल यादव, संजय पँवार, महेंद्र राठौड़ विनोद डोंगले विजय डोंगले रवि पटेल शिव दाबड़ भी मुख्य रूप से उपस्थित थे कार्यक्रम की शुरुआत सभी अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलन कर की गई कहानी उत्सव में विकाशखण्ड के आठो संकुलों से एक एक विद्यार्थि व शिक्षक ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी उक्त उत्सव में विद्यार्थियों में नन्दिनी जनार्दन शर्मा मा.वि.गुलझरा व शिक्षकों में श्रीमती सीमा पटेल प्राथमिक शिक्षक प्राथमिक अंग्रेजी माध्यम धामनोद ने प्रथम स्थान प्राप्त किया निर्णायक के रूप में विजय शर्मा सहायक शिक्षक प्राथमिक नयापुल खलघाट व पप्पूसिंह बेनल वरिष्ठ अध्यापक हिंदी हा.से.बालक धामनोद ने अपनी सेवाएं दी पश्चात विधायक द्वारा विकाशखण्ड धरमपुरी व नालछा में वाल ऑफ फेम में चयनित 12 व 13 विद्यालयों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गए कार्यकृम में बी आर सी सी ऑफिस से अंतिम कुशवाह ,नरेंद्र राणे सहित जनशिक्षक योगेंद्र तोमर,महेंद्र सोलंकी, संजय मलतारे, महेंद्र जोरवाल, नारायण पाटीदार,कमल चौहान, सन्तोष केवड़ा,सन्तोष यादव,गोवर्धन चंदेल,शैलेन्द्र दवे सहित विकाशखण्ड की शालाओ के शिक्षक साथी उपस्थित थे
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