अभाविप ने पीजी कॉलेज में सीएलसी राउंड में एडमिशन नहीं मिलने को लेकर जताया विरोध | ABVP ne PG college main clc round main admission nhi milne ko lekar jataya virodh
अभाविप ने पीजी कॉलेज में सीएलसी राउंड में एडमिशन नहीं मिलने को लेकर जताया विरोध, कॉलेज के गेट के बाहर दिया धरना
झाबुआ (अली असगर बोहरा) - अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की जिला इकाई ने शासकीय शहीद चन्द्रषेखर आजाद स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ में छात्र-छात्राओं को सीएलसी राउंड में प्रवेष नहीं मिलने को लेकर विरोध दर्ज करवाया। विरोध स्वरूप कॉलेज के गेट के बाहर करीब आधा घंटे तक धरने पर बैठकर नारेबाजी भी की गई। संस्था प्राचार्य के आष्वासन के बाद परिषद् ने धरना समाप्त किया।
अभाविप के प्रांत जनजाति प्रमुख मानसिंह बारिया एवं जिला संयोजक कांपसिंह भूरिया ने बताया कि वर्तमान प्रदेष सरकार ने कॉलेजों में जो 15 प्रतिषत सीटों की वृद्धि की है, वह इस आदिवासी बाहुल झाबुआ जिले के इस कॉलेज के लिए काफी कम है। यह कॉलेज जिले का अग्रणी महाविद्यालय होने से यहां हजारां की संख्या में छात्र-छात्राएं अध्ययनरत होकर प्रवेष के लिए आते है, ऐसे में महाविद्यालय प्रषासन की अपने कोटे से भी सीटां में वृद्धि किया जाना आवष्यक है। वर्तमान में छात्र-छात्राओं को सीएलसी राउंड में प्रवेष नहीं मिलने के कारण उनका भविष्य खतरे में हो रहा है एवं उनका एक वर्ष भी बेवजह चौपट होने की संभावना है, चूंकि यहां के आदिवासी छात्र-छात्राएं गरीब होकर बड़े शहरों में कॉलेजों में अध्ययन का खर्च नहीं उठा सकते है, ऐसे में प्रवेष के लिए आने वाले सभी छात्र-छात्राओं को आवष्यक रूप से प्रवेष दिया जाएं।
संस्था प्राचार्य ने दिया आष्वासन
धरना प्रदर्षन करीब आधे घंटे तक दिया गया। इस दौरान परिषद् के कार्यकर्ताओं और छात्रों ने जमकर नारेबाजी भी की। बाद संस्था प्राचार्य एचएल अनिजवाल ने आकर विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए महाविद्यालय के कोटे से सीटे बढ़ाए जाने के आष्वासन के बाद अभाविप ने अपना धरना समाप्त किया। साथ ही जिला संयोजक श्री भूरिया ने चेतावनी स्वरूप कहा कि यदि जल्द ही इस पर अमल नहीं किया गया तो संगठन चरणबद्ध आंदोलन करने से भी नहीं चूकेगा। धरना प्रदर्षन के दौरान अभाविप के नगर मंत्री दर्षन कहार, भारत गुर्जर, दीपक परामर, रूमाल डामोर, विजय, कमलेष भूरिया, राहुल बारिया, कैलाष मेड़ा आदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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