बच्चे का जन्म सड़क पर, खुली प्रशासन के दावों की पोल | Bachche ka janm sadak pr

बच्चे का जन्म सड़क पर, खुली प्रशासन के दावों की पोल

बच्चे का जन्म सड़क पर, खुली प्रशासन के दावों की पोल

थांदला (कादर शेख) - आज भी अंचलो मे शासकिय योजना सिर्फ शासकिय रह जाती है। ग्रमीणों की जिंदगी बेहद मुसीबतों के बीच गुजर रही, स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे सरकारों द्वारा किये जाते है किंतु जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बया कर रही,आदिवासी बाहुल्य झाबुआ जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं के हालत बेहद चिंताजनक है। ग्रामीणों को सही समय पर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नही मिल पा रहा है, जिसकी बड़ी तस्वीर आज थांदला क्षेत्र में देखने को मिला।

थांदला क्षेत्र के ग्राम बावड़ी में निवास करने वाले बहादुर सिंगाड की पत्नी एता बाई ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया है। एता बाई गर्भावस्था में थी जिसकी तबियत अचानक बिगड़ने पर परिजनों द्वारा 108 एम्बुलेस पर सुचना देकर एम्बुलेस बुलवाना चाहा किन्तु काफी समय गुजर जाने के बाद भी मौके पर 108 एम्बुलेंस नही पहुची। परिजन महिला को किसी तरह गांव से थांदला-पेटलावद मुख्य मार्ग तक लेकर पहुचे, किन्तु उन्हें कोई निजी वाहन भी नही मिल सका। ओर महिला ने अपने बच्चे को सड़क पर ही जन्म दे दियाबाई के पति बहादुर ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है, बहादुर का कहना है कि उनके द्वारा 108 एम्बुलेस के लिए फोन लगाया था किंतु उन्हें एम्बुलेस नही है ऐसा कहकर एम्बुलेस के लिए ना बोल दिया गया, गर्भवती महिला की बिगड़ी हालत के बीच परिजन एम्बुलेंस का इंतजार ही करते रह गए और बच्चे का जन्म सड़क पर हो गया।

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