5 वर्ष तक कानूनी संघर्ष करने के बाद श्रमिक नेताओं को मिला न्याय
पीथमपुर (प्रदीप द्विवेदी) - सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एवीटेक कंपनी के धर्मपाल अधिकारी वासुदेव को मिला बकाया वेतन पिथमपुर एवीटेक कंपनी पीतमपुर सेक्टर 3 में स्थित धर्मपाल अधिकारी एवं वासुदेव डहाके को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद धार जिलाधीश द्वारा वेतन चेक दिया गया ।तहसीलदार विनोद राठौर ने दोनों कर्मचारियों को बुलाकर के उनके वेतन के चेक दिए वर्ष 2013 से 2015 के बीच का वेतन एवीटेक कंपनी ने दोनों मजदूर कर्मचारियों को नहीं दिया ।नौकरी से भी निकाल दिया था ।मामला. श्रम न्यायालय घार. श्रम आयुक्त कार्यालय इंदौर मध्य प्रदेश में भी गया। कर्मचारी धर्मपाल अधिकारी तथा वासुदेव डहाके के द्वारा धार श्रम न्यायालय में ए वी टेक कंपनी से समझौता कर लिया गया । जिसमें उन्होंने न्यायालय में लिख कर दिया था कि उक्त दोनों कर्मचारियों को नौकरी पर रखा जाएगा । इनका वेतन दिया जाएगा ।परंतु उन्होंने ऐसा नहीं किया ?दोनों कर्मचारियों ने इंदौर श्रम आयुक्त कार्यालय मैं अपना प्रकरण पंजी बंद कराया" श्रम उपाआयुक्त एलपी पाठक ने कर्मचारियों का प्रकरण सुना /औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 33 सी (1) के अंतर्गत आदेश पारित किया। श्रम उपायुक्त एलपी पाठक ने 28 मार्च 2017 को कर्मचारियों के पक्ष में आदेश पारित कर दिया था। जबकि 2014 से प्रकरण श्रम न्यायालय धार में विचाराधीन था। न्यायालय ने कर्मचारियों के पक्ष में अपना फैसला दिया 'फिर भी एवी टेक कंपनी वेतन देने को तैयार नहीं हुई; उप श्रम आयुक्त एलपी पाठक ने प्रकरण पर विचार कर कंपनी को आदेशित किया कि वह वेतन का 65 फीसदी वेतन कर्मचारियों को दें तथा उन्होंने कर्मचारियों को प्रमाण पत्र भी दिया। उप श्रम आयुक्त एलपी पाठक के आदेश के विरुद्ध एवीटेक कंपनी ने माननीय उच्च न्यायालय में अपील की। सिंगल बेंच ने प्रकरण को सुना। उपायुक्त एलपी पाठक ने धार श्रम न्यायालय के आदेश को यथावत रखा। इस पर ए वी टेक कंपनी ने पुनः डबल बेंच में अपील की। माननीय न्यायालय ने पुनः तीनों आदेशों को यथावत रख कर के कर्मचारियों के पक्ष में आदेश जारी किया। एवीटेक कंपनी ने पुनः सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेशित किया कि धर्मपाल अधिकारी को 6,09951 रुपया वासुदेव डहाके को रुपया 6 ,23536 को एवीटेक कंपनी द्वारा वेतन दिया जाने का आदेश पारित किया। आरआरसी जारी की 28 अगस्त 2019 को तहसीलदार घार विनोद राठौर ने दोनो कर्मचारियों को वेतन का चेक सौंपा.. । लगभग 5 वर्ष के संघर्ष के बाद कर्मचारियों को न्याय मिला।
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