पर्यूषण महापर्व के तहत 2 सितंबर को मनाया जाएगा संवत्सरी पर्व, 3 सितंबर को सभी 500 से अधिक तपस्वियों के पारणे के साथ होगा पर्यूषण महापर्व संपन्न
झाबुआ। (अली असगर बोहरा) जैन तीर्थ श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में पर्वाधिराज पर्यूषण महापर्व के तहत 2 सितंबर को संवत्सरी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह अष्ट प्रभावक आचार्य देवेष श्रीमद् विजय नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा द्वारा कल्पसूत्र के मूल ग्रंथ बारसा सूत्र का वाचन किया जाएगा। वहीं शाम को संवत्सरी प्रतिक्रमण होगा। जिसमें अंतर्गत विषेष रूप से धार्मिक क्रियाओं के साथ समाजजनों द्वारा वर्षभर में हुई गलतियों के लिए 84 लाख जीवा योनियों से क्षमायाचना की जाएगी। अगले दिन 3 सितंबर को सभी करीब 500 से अधिक तपस्वियों के पारणे का आयोजन किया गया है।
इन दिनों श्री ़ऋषभदेव बावन जिनालय में नवल स्वर्ण जयंती चातुर्मास एवं पर्यूषण महापर्व एकसाथ चल रहे है। चातुर्मास एवं पर्यूषण महापर्व का आयोजन अष्ट प्रभावक आचार्य देवेष न्श्रीमद् विजय नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा ‘नवल’ एवं प्रन्यास प्रवर जिनेन्द्र विजयजी मसा ‘जलज’ की निश्रा में हो रहा है। चातुर्मास का आयोजन 11 जुलाई से चल रहा है एवं पर्यूषण महापर्व 26 अगस्त से आंरभ हुए है। पर्यूषण महापर्व के तहत 2 सितंबर को संवत्सरी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 5.15 से प्रतिक्रमण, 6.30 बजे से पोषध प्रारंभ होंगे। 8 बजे से कल्पसूत्रजी का मूल ग्रंथ बारसा सूत्र का वाचन आचार्य नरेन्द्र सूरीष्वरजी मसा द्वारा किया जाएगा। इसके पूर्व बारसा सूत्र ग्रंथ को योगेष जैन परिवार द्वारा व्होराया जाएगा। पांच लाभार्थी परिवारों द्वारा ग्रंथ की वाक्षेप पूजन की जाएगी। तत्पष्चात् ग्रंथ की अष्टप्रकारी पूजन एवं ग्रंथ को अक्षत-मोती आदि से बधाया जाएगा। ग्रंथ की आरती रमेष बाठिया परिवार द्वारा की जाएगी। तत्पष्चात् आचार्य श्रीजी द्वारा सत्त 3 घंटे तक खड़े रहकर बारसा सूत्र का वाचन किया जाएगा। तत्पष्चात् शाम 4 बजे से संत्वत्री प्रतिक्रमण होगा, जो सत्त 7 बजे तक चलेगा। इसके अंतर्गत विषेष रूप से धार्मिक क्रियाओं के साथ समाजजनों द्वारा वर्षभर में हुई गलतियों के लिए 84 लाख जीवा योनियों से क्षमायाचना की जाएगी।
500 से अधिक तपस्वियों के पारणे का होगा आयोजन
अगले दिन 3 सितंबर को सुबह 7.30 बजे से पोषध शाला भवन में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी श्रीमती वालीबाई समीरमल भंडारी की स्मृति एवं श्रीमती श्वेता भंडारी के भक्तामर महातप के उपलक्ष में यषवंत, निखिल, शार्दुल, जिनांष भंडारी परिवार द्वारा पारणे का आयोजन रखा गया है। पिछले 38 वर्षों से सत्त पर्यूषण महापर्व पर होने वाली सभी तपस्याओं के पारणे का लाभ भंडारी परिवार द्वारा लिया जा रहा है। 3 सितंबर को करीब 500 से अधिक तपस्वियों के पारणे का आयोजन होगा। जिसमें 74 भक्तामर महातप, 11 उपवास, अट्ठाई तप, अट्ठम तप सहित उपवास से लेकर एकासने तक के सभी तपस्वी शामिल है। इस दौरान समाजजनों द्वारा परस्पर एक-दूसरे से क्षमायाचना भी की जाएगी। इसके साथ ही पर्यूषण महापर्व संपन्न होगा।
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