सरकार गिराने के भाजपाई मंसूबे नाकाम हुए, मत-विभाजन में कांग्रेस को मिले 122 मत
मध्यप्रदेश में कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस का किला पूरी तरह से अभेद्य : शोभा ओझा
सरकार के समर्थन में की है क्रॉस वोटिंग।
भोपाल - मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने बयान में कहा कि प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का यह कहना कि ‘‘यदि नंबर एक और नंबर दो बोलें तो, हम सरकार गिरा देंगे’’, एक तरह से ‘‘राजनैतिक माफिया’’ द्वारा की गई स्वीकारोक्ति है कि इन माफियाओं के ‘‘सरगना’’ भ्रष्टाचार के द्वारा कमाए गए अकूत धन और साम-दाम-दंड-भेद के द्वारा, लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई, गैर भाजपाई प्रदेश सरकारों को गिराने की निंदनीय कोशिशों में लिप्त हैं, किंतु मध्यप्रदेश में इन फासिस्टवादी ताकतों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे, यह बात आज विधानसभा में ‘‘दंड विधि संशोधन विधेयक’’ पारित कराने के दौरान हुए मत-विभाजन से साफ हो गई है, भाजपा को पता चल गया है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस का किला पूरी तरह से अभेद्य है।
आज जारी अपने बयान में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती ओझा ने कहा कि लोकप्रिय मुख्यमंत्री कमलनाथ ने, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की इस बात को चुनौती के रूप में लेते हुए, आज ही विधानसभा में भाजपा को मत-विभाजन कराने की चुनौती दे डाली और संयोग से ‘‘दंड विधि संशोधन विधेयक’’ को पारित कराने के दौरान हुए मत विभाजन में कांग्रेस के पक्ष में गिरे 122 मतों से साफ सिद्ध हो गया है कि प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ पूरी तरह से मजबूत है और भाजपा का किला ही ढहने की कगार पर आ गया है।
श्रीमती ओझा ने अपने बयान के अंत में कहा कि भाजपा को अब यह साफ समझ लेना चाहिए कि कांग्रेस सरकार को गिराने के उसके मंसूबे, केवल ख्याली पुलाव मात्र हैं, और ये कभी हकीकत में नहीं बदल सकते। बेहतर होगा कि भाजपा स्वप्नलोक से निकलकर हकीकत के धरातल पर आए, और अपनी करारी हार के सदमे से उबर कर, प्रदेश के विकास में कांग्रेस के साथ सहभागी बनते हुए, सकारात्मक विपक्ष की भूमिका का निर्वाह करे।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस का किला पूरी तरह से अभेद्य : शोभा ओझा
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भाजपा के क्रास वोटिंग में 2 विधायक टूटे |
भोपाल-सरकार के विधायक को समर्थन देने वाले विधायक नारायण त्रिपाठी का बयान- बीजेपी में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा था।
- शिवराज सिंह चौहान ने उप चुनाव के समय मेरे क्षेत्र में इतनी घोषणा कर डाली जिन पर काम नहीं हुआ।
- क्षेत्र की जनता के सामने जवाब देना मुश्किल हो रहा था ।
- कांग्रेस मेरा पुराना घर है अपने घर वापस आया हूं।
- सरकार को खुलकर समर्थन है उपचुनाव और इस्तीफे का नहीं है मुझे नही है डर।
- मैहर के विकास के लिए जो भी बनेगा वह करूंगा।
- कांग्रेस सरकार के विधायक को बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्यौहारी से विधायक शरद कोल ने दिया है समर्थन।
सरकार के समर्थन में की है क्रॉस वोटिंग।
भोपाल - मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने बयान में कहा कि प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का यह कहना कि ‘‘यदि नंबर एक और नंबर दो बोलें तो, हम सरकार गिरा देंगे’’, एक तरह से ‘‘राजनैतिक माफिया’’ द्वारा की गई स्वीकारोक्ति है कि इन माफियाओं के ‘‘सरगना’’ भ्रष्टाचार के द्वारा कमाए गए अकूत धन और साम-दाम-दंड-भेद के द्वारा, लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई, गैर भाजपाई प्रदेश सरकारों को गिराने की निंदनीय कोशिशों में लिप्त हैं, किंतु मध्यप्रदेश में इन फासिस्टवादी ताकतों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे, यह बात आज विधानसभा में ‘‘दंड विधि संशोधन विधेयक’’ पारित कराने के दौरान हुए मत-विभाजन से साफ हो गई है, भाजपा को पता चल गया है कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस का किला पूरी तरह से अभेद्य है।
आज जारी अपने बयान में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती ओझा ने कहा कि लोकप्रिय मुख्यमंत्री कमलनाथ ने, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव की इस बात को चुनौती के रूप में लेते हुए, आज ही विधानसभा में भाजपा को मत-विभाजन कराने की चुनौती दे डाली और संयोग से ‘‘दंड विधि संशोधन विधेयक’’ को पारित कराने के दौरान हुए मत विभाजन में कांग्रेस के पक्ष में गिरे 122 मतों से साफ सिद्ध हो गया है कि प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ पूरी तरह से मजबूत है और भाजपा का किला ही ढहने की कगार पर आ गया है।
श्रीमती ओझा ने अपने बयान के अंत में कहा कि भाजपा को अब यह साफ समझ लेना चाहिए कि कांग्रेस सरकार को गिराने के उसके मंसूबे, केवल ख्याली पुलाव मात्र हैं, और ये कभी हकीकत में नहीं बदल सकते। बेहतर होगा कि भाजपा स्वप्नलोक से निकलकर हकीकत के धरातल पर आए, और अपनी करारी हार के सदमे से उबर कर, प्रदेश के विकास में कांग्रेस के साथ सहभागी बनते हुए, सकारात्मक विपक्ष की भूमिका का निर्वाह करे।
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