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| रीवा-गढ़ NH पर 'बिहार' नाम से मशहूर टायर दुकान विवादों में, ग्राहकों से अभद्रता का वीडियो वायरल! Aajtak24 News |
रीवा - रीवा जिले के गढ़ क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर संचालित एक टायर दुकान इन दिनों स्थानीय लोगों के बीच विवाद का केंद्र बन गई है। दुकान संचालक, जिसे क्षेत्र में 'बिहार' नाम से पहचाना जाता है, उसकी कार्यशैली और ग्राहकों के साथ कथित रूप से की जा रही अभद्र बातचीत ने गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। हाल ही में एक वीडियो के वायरल होने के बाद यह मामला और भी गरमा गया है, जिसमें संचालक को गैर-शिष्टाचारपूर्ण एवं संदिग्ध तरीके से बातचीत करते देखा गया है।
अनुमति और स्वामित्व को लेकर अस्पष्टता
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि दुकान संचालक की न तो स्पष्ट पहचान दर्ज है और न ही दुकान के संचालन का आधार स्पष्ट है। मुख्य रूप से निम्नलिखित प्रश्न प्रशासन के सामने खड़े हो गए हैं:
पुलिस अनुमति: क्या टायर दुकान चलाने के लिए थाना गढ़ पुलिस से कोई व्यावसायिक अनुमति ली गई है?
भूमि विवाद: क्या दुकान निजी भूमि पर है, या फिर राष्ट्रीय राजमार्ग की सीमा में या किसी अन्य व्यक्ति की जमीन पर कब्जा कर चलाई जा रही है?
निवासी पहचान: संचालक को यहां रहने और व्यवसाय करने की अनुमति किसने और किस आधार पर दी?
चारित्रिक सत्यापन पर बड़ा प्रश्न
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे संवेदनशील एवं संदिग्ध व्यक्तियों की सघन जांच अभियान (सत्यापन) के बीच, स्थानीय लोगों ने मांग की है कि दुकान संचालक का चारित्रिक सत्यापन (Character Verification) किया जाए। लोगों का आरोप है कि जानकारी मांगने पर संचालक द्वारा कोई अधिकृत विवरण प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे संदेह गहरा गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग जैसी संवेदनशील जगहों पर असंदिग्ध और सत्यापित व्यक्तियों का होना सुरक्षा की दृष्टि से अत्यावश्यक है।
जनता की मांग: संयुक्त जांच
वायरल वीडियो में दिख रहा आचरण असामान्य और कई लोगों के अनुसार अत्यंत संवेदनशील है। इसे देखते हुए स्थानीय निवासियों ने एकजुट होकर निम्नलिखित विभागों से तत्काल और संयुक्त जांच की मांग की है:
थाना गढ़ पुलिस: संचालक की पृष्ठभूमि और चारित्रिक सत्यापन की जांच करे।
राजस्व विभाग: दुकान की भूमि का स्वामित्व स्पष्ट करे और अतिक्रमण की स्थिति की जांच करे।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI): यह सुनिश्चित करे कि दुकान NH के नियमों का उल्लंघन तो नहीं कर रही है।
प्रशासनिक जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि दुकान संचालक की बातें तथ्यात्मक हैं या यह सिर्फ दहशत फैलाने का प्रयास था। फिलहाल मामला संवेदनशील बना हुआ है और स्थानीय लोग जल्द से जल्द कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
