थाली में 'ज़हर': कीटनाशक युक्त चने की भाजी ने उजाड़ा परिवार, पति की मौत, पत्नी-बेटी संघर्षरत Aajtak24 News

थाली में 'ज़हर': कीटनाशक युक्त चने की भाजी ने उजाड़ा परिवार, पति की मौत, पत्नी-बेटी संघर्षरत Aajtak24 News

रीवा - खेती में रसायनों और कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल अब इंसानी जिंदगियों पर भारी पड़ने लगा है। रीवा जिले के गढ़ थाना अंतर्गत ग्राम पंचायत गढ़ में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ चने की भाजी खाने से एक ही परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से बीमार हो गए। इस हादसे में परिवार के मुखिया की इलाज के दौरान दर्दनाक मौत हो गई, जबकि पत्नी और बेटी अस्पताल के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

खेत से थाली तक पहुँचा मौत का 'अदृश्य' साया

घटना की शुरुआत 23 दिसंबर 2025 को हुई। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम गढ़ निवासी श्याम कली कोल पास के ही एक खेत से ताजी चने की भाजी तोड़कर लाई थीं। उन्हें इस बात का रत्ती भर भी अंदाजा नहीं था कि जिस भाजी को वह बड़े चाव से अपने परिवार के लिए बना रही हैं, उसमें मौत का कीटनाशक घुला हुआ है। रात करीब 9:00 बजे परिवार ने एक साथ बैठकर भोजन किया। भोजन के मात्र एक घंटे बाद, रात 10:00 बजे से ही शंकर कोल (उर्फ बंटी), उनकी पत्नी श्याम कली और पुत्री साधना की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उन्हें लगातार उल्टी और दस्त होने लगे, जिससे घर में चीख-पुकार मच गई।

अस्पताल से घर और फिर मौत का बुलावा

हालत बिगड़ती देख परिजनों ने स्थानीय डॉक्टरों से संपर्क किया, लेकिन स्थिति बेकाबू होते देख उन्हें तत्काल रीवा के संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया। दो दिनों तक चले सघन उपचार के बाद पति-पत्नी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई और वे घर लौट आए। परंतु, नियति को कुछ और ही मंजूर था। 26 दिसंबर को शंकर कोल की तबीयत फिर से खराब हो गई। शरीर में फैले जहर के असर ने दोबारा हमला किया और उन्हें फिर से अस्पताल ले जाना पड़ा। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद, 27 दिसंबर 2025 की दोपहर 12:00 बजे शंकर कोल ने दम तोड़ दिया।

कीटनाशक का छिड़काव बना काल

शुरुआती जांच और लक्षणों के आधार पर यह माना जा रहा है कि चने की फसल को कीटों से बचाने के लिए उस पर किसी शक्तिशाली अज्ञात कीटनाशक का छिड़काव किया गया था। चने की भाजी को बिना ठीक से धोए या कीटनाशक के असर के रहते ही तोड़ लिया गया था। डॉक्टरों के अनुसार, यह 'सीवियर फूड पॉइजनिंग' का मामला है, जहाँ जहर सीधे रक्त और महत्वपूर्ण अंगों तक पहुँच गया।

क्षेत्र में मातम और प्रशासन को चेतावनी

शंकर कोल की असामयिक मृत्यु से गढ़ क्षेत्र में शोक की लहर है। यह घटना उन तमाम लोगों के लिए एक सबक है जो बिना जांचे-परखे खेतों से सब्जियां तोड़ते हैं। साथ ही, यह कृषि विभाग के लिए भी एक चेतावनी है कि वे किसानों को कीटनाशक के सुरक्षित उपयोग और छिड़काव के बाद फसल की कटाई के समय के बारे में जागरूक करें।

सावधानी ही बचाव है:

  • बाजार या खेत से लाई गई किसी भी भाजी को कम से कम 3-4 बार साफ पानी से धोएं।

  • हो सके तो सब्जियों को कुछ देर के लिए गुनगुने पानी में नमक डालकर छोड़ दें।

  • खेतों में छिड़काव के तुरंत बाद भाजी का सेवन जानलेवा हो सकता है।



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