साधना को मिला सम्मान: राज्यपाल के हाथों डॉ. मंजुला शर्मा को मिली पीएचडी की उपाधि, रीवा के सौर विकास पर किया शोध Aajtak24 News


साधना को मिला सम्मान: राज्यपाल के हाथों डॉ. मंजुला शर्मा को मिली पीएचडी की उपाधि, रीवा के सौर विकास पर किया शोध Aajtak24 News

रीवा - जीवन की यात्रा में कुछ क्षण ऐसे होते हैं, जो समय की धारा में केवल घटित नहीं होते, बल्कि इतिहास की तरह अंकित हो जाते हैं। वर्षों की साधना, अनगिनत रात्रियों की जागरण- यात्रा और मौन परिश्रम का जब सार्थक प्रतिफल मिलता है, तब उपलब्धि केवल व्यक्ति की नहीं रहती- वह परिवार, समाज और विचारधारा की साझा विजय बन जाती है। ऐसा ही एक स्वर्णिम क्षण मंजुला शर्मा के जीवन में तब साकार हुआ, जब वे अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के दीक्षांत समारोह में डॉक्टरेट (पीएचडी) की गरिमामयी उपाधि से विभूषित हुईं। दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल रहे। जैसे ही मंच से शोधार्थी मंजुला शर्मा का नाम उद्घोषित हुआ, सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा- मानो परिश्रम स्वयं अपने सम्मान में खड़ा हो गया हो। महामहिम राज्यपाल ने उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान करते हुए न केवल उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं, बल्कि शोध- साधना को राष्ट्र निर्माण की आधारशिला से जोड़ते हुए युवा शोधार्थियों को दिशा देने वाला संदेश भी दिया। इस भाव-विभोर क्षण की सजीव साक्षी बनीं उनकी माता मालती शर्मा एवं पिता मनोज शर्मा, जिनकी आंखों से छलकते अश्रु केवल आनंद की अभिव्यक्ति नहीं थे, बल्कि उस संघर्ष की मूक गाथा कह रहे थे, जिसे एक बेटी ने वर्षों तक धैर्य, अनुशासन और आत्मबल के साथ जिया।

सौर ऊर्जा पर शोध- विकास और पर्यावरण के मध्य संतुलन की दृष्टि। 

गौरतलब है कि मंजुला शर्मा का शोध विषय “रीवा जिले के विकास में सौर ऊर्जा की भूमिका” रहा- एक ऐसा विषय, जो वर्तमान समय की सबसे बड़ी आवश्यकता और भविष्य की सबसे मजबूत संभावनाओं से जुड़ा है। यह शोध न केवल अकादमिक विमर्श तक सीमित है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास और ऊर्जा आत्मनिर्भरता जैसे व्यापक सामाजिक सरोकारों को भी समेटे हुए है। यह शोध कार्य शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जीडीसी कॉलेज के वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ. आर. पी. गुप्ता के कुशल, मार्गदर्शक एवं प्रेरक निर्देशन में वर्ष 2019 से 2025 तक सतत अध्ययन, विश्लेषण और शोध-साधना के साथ संपन्न हुआ।

परिवार, सेवा और शिक्षा का सशक्त संगम। 

उल्लेखनीय है कि शोधार्थी मंजुला शर्मा, मध्यप्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ, भोपाल के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष संतोष तिवारी की बहू हैं। श्री तिवारी वर्तमान में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय, रीवा में लेखाकार के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। यह उपलब्धि केवल एक शैक्षणिक सफलता नहीं, बल्कि सेवा, संस्कार और शिक्षा के त्रिवेणी संगम का जीवंत उदाहरण बनकर सामने आई है।

शुभचिंतकों की बधाइयों का आत्मीय सिलसिला। 

इस गौरवपूर्ण उपलब्धि पर परिजनों, इष्ट-मित्रों एवं शुभचिंतकों ने हर्ष व्यक्त करते हुए मंजुला शर्मा के उज्ज्वल भविष्य हेतु ईश्वर से मंगलकामनाएं कीं। बधाई देने वालों में प्रमुख रूप से शकुंतला संतोष तिवारी, दीपक तिवारी, डॉ. पूजा तिवारी, अभिषेक तिवारी, प्रतिमा अतुल मिश्रा, मोहित, भूमिका, स्वेच्छा, अंश, अभ्युदय, तन्वी तिवारी, देवेंद्र दुबे, अभय पांडे, विमल पांडे सहित अनेक गणमान्यजन सम्मिलित रहे। मंजुला शर्मा की यह उपलब्धि इस सत्य को रेखांकित करती है कि संयम, निरंतर अध्ययन, वैचारिक स्पष्टता और उद्देश्यपूर्ण शोध न केवल व्यक्तिगत उन्नति का पथ प्रशस्त करते हैं, बल्कि समाज और क्षेत्रीय विकास में भी स्थायी भूमिका निभाते हैं। यह पीएचडी डिग्री मात्र एक अकादमिक उपाधि नहीं, बल्कि मेहनत, मूल्य और भविष्य की रोशनी का प्रमाण- पत्र है।

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