![]() |
| रीवा में यूपी की सस्ती धान खपाने के बड़े खेल का पर्दाफाश; 7000 बोरी अवैध धान जब्त, बैरियरों की खुली पोल Aajtak24 News |
रीवा - उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश में धन के शासकीय रेट में काफी अंतर नहीं है, मध्यप्रदेश में शशकीय खरीदी केंद्रों में 2379 रु प्रति क्विंटल खरीदा जाता है धान खरीदी केंद्रों में समिति प्रबंधकों, अधिकारियों, राजनीतिज्ञों की कथित मिलीभगत से उत्तर प्रदेश (यूपी) की सस्ती गुणवत्ता विहीन बदरा युक्त धान 1400 से 1500 रु प्रति क्विंटल खरीदी जाती है, और यही धान फिर किसानों के नाम पर बिचौलियों द्वारा बिक्री की जाती है, यह कार्यवाही मध्यप्रदेश के पूर्वांचल रीवा जिले के उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में सर्वाधिक भंडारित कर बिक्री की जाती है, कार्रवाई: अधिकारियों की टीम ने अलग-अलग जगहों पर दबिश देकर 7000 बोरी अवैध धान जब्त की। जब्त की गई धान के दस्तावेज़ मांगे गए हैं।
अनियमितताएं: त्योंथर में अनुविभागीय अधिकारी पी एस त्रिपाठी के नेतृत्व में नायब तहसीलदार त्यौंथर श्री उपाध्याय , एवं वीरेंद्र द्विवेदी हल्का पटवारी त्यौंथर के विभिन्न खरीदी केंद्रों में निरीक्षण कर कार्यवाही की गई, परसिया सेवा सहकारी समिति क्रमांक एक एवं दो के समिति प्रबंधक के फॉर्म हाउस से 977 बोरी सिली लगी हुई , एवं बड़ागांव में 543 बोरी टैग लगी, प्रमोद तिवारी के घर में मिली, एवं व्यापारी राजपुर में 3000 बोरी एवं खुला ढेर 2 नग 30000 जूट की बोरी 600 क्विंटल सभी का मिलान किया जा रहा है, राजेंद्र प्रसाद पाठक के रिश्तेदार के घर से 577 बोरी धान मिली, जिस पर सरकारी टैग भी लगे थे। बैरियर की स्थिति: यूपी से धान का परिवहन रोकने के लिए 7 मार्गों पर बैरियर लगाए गए थे, लेकिन वे केवल कागजों में ही थे और वहां कोई कर्मचारी नहीं था, जिससे अवैध परिवहन आसानी से हो रहा था।
सिरमौर तहसीलदार ने सेवा सहकारी समिति उमरी के वेयर हाउस का किया औचक निरीक्षण
रीवा: सिरमौर क्षेत्र के उमरी स्थित सेवा सहकारी समिति के वेयर हाउस में व्यापक अनियमितताएं मिली हैं। जांच: सिरमौर तहसीलदार अनुपम पांडेय ने शनिवार को औचक निरीक्षण किया, जिसमें 20 हजार से ज़्यादा बारदाने (खाली बोरे) गायब मिले। नोटिस: कुल 66 हजार बारदाने आवंटित किए गए थे, जिसमें से मौके पर केवल 45 हजार 99 ही पाए गए। पंचनामा बनाकर कार्रवाई के लिए सिरमौर एसडीएम को भेजा गया है। साथ ही, समिति प्रबंधक व प्रभारी को नोटिस जारी किया गया है।
लापरवाही: निरीक्षण के दौरान प्रभारी ने फोन नहीं उठाया और प्रबंधक ने दूर होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद ऑपरेटर से गिनती करवाई गई चर्चा के दौरान अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पी एस त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि प्रथम दृष्टया की गई कार्यवाही की रिपोर्ट तैयार कर जिला कलेक्टर को सौंपी गई। है जो आदेश जारी होगा कार्यवाही की जाएगी दैनिक आज तक 24 बराबर प्रशासन को समाचार पत्र के माध्यम से खरीदी पंजीयन एवं खरीदी के पूर्व आगाह किया था किंतु यह कार्यवाही यह सिद्ध करती है कि प्रशाशन की सक्रियता केवल अभिलेखों तक ही सीमित रही।

