हनुमना में संदिग्ध मौत पर बवाल; शव हाईवे पर रखकर 2 घंटे चक्काजाम, कलेक्टर-एसपी के आश्वासन पर थमा आक्रोश Aajtak24 News

 हनुमना में संदिग्ध मौत पर बवाल; शव हाईवे पर रखकर 2 घंटे चक्काजाम, कलेक्टर-एसपी के आश्वासन पर थमा आक्रोश Aajtak24 News

मऊगंज/हनुमना - मध्य प्रदेश के हनुमना क्षेत्र में प्रदीप शुक्ला की संदिग्ध मौत को लेकर गुरुवार को बड़ा तनाव और हंगामा हो गया। मृतक के परिजनों और आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस द्वारा बताई जा रही 'दुर्घटना' की थ्योरी को सिरे से खारिज करते हुए इसे सुनियोजित हत्या करार दिया। स्थिति उस समय नियंत्रण से बाहर हो गई जब गुस्साए लोगों ने प्रदीप शुक्ला का शव आरटीओ चेक पोस्ट के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर रखकर दो घंटे तक चक्काजाम कर दिया।हालात की गंभीरता को देखते हुए स्वयं कलेक्टर संजय जैन और पुलिस अधीक्षक (एसपी) दिलीप सोनी को भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुँचना पड़ा और उन्होंने निष्पक्ष जाँच का आश्वासन देकर भीड़ को शांत कराया।

सड़क पर शव रखकर न्याय की माँग

गुरुवार दोपहर हनुमना आरटीओ चेक पोस्ट के पास का माहौल 'हमें न्याय चाहिए' के नारों से गूँज उठा। मृतक प्रदीप शुक्ला के परिजनों और बड़ी संख्या में आक्रोशित ग्रामीणों ने उनके शव को सड़क पर रखकर नेशनल हाईवे को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया। दो घंटे तक चले इस चक्काजाम के दौरान वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। प्रदर्शनकारी लगातार पुलिस की प्रारंभिक थ्योरी को खारिज करते हुए, मामले में हत्या की धाराओं (FIR) के तहत प्रकरण दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे।

पूरा मामला क्या है?

पुलिस का प्रारंभिक दावा है कि मंगलवार की देर शाम प्रदीप शुक्ला जब अपनी बाइक से घर लौट रहे थे, तभी उनकी बाइक सड़क किनारे खड़ी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली से टकरा गई। पुलिस ने इसे सड़क दुर्घटना (एक्सीडेंट) बताया, जिसमें गिरने से प्रदीप की मौत हो गई। लेकिन परिजनों का आरोप इससे बिल्कुल विपरीत है। उनके मुताबिक, यह केवल एक्सीडेंट नहीं है। उनका दावा है कि बाइक टकराने के बाद 5 से 6 लोगों के एक समूह ने मिलकर प्रदीप की बेरहमी से पिटाई की, और यही पिटाई उनकी मौत का असली कारण बनी। परिजनों ने प्रशासन पर शुरू में मामले को 'महज एक्सीडेंट' बताकर लीपापोती करने की कोशिश का भी गंभीर आरोप लगाया। मृतक के परिवार के सदस्य ओमप्रकाश तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "यह एक्सीडेंट नहीं, यह हत्या है। 24 घंटे तक शव हमें देखने तक नहीं दिया गया। हमें जाँच में पारदर्शिता चाहिए और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी हो।"

प्रशासन की सक्रियता और आश्वासन

बुधवार को भी परिजन पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट होकर थाने में बैठ गए थे, लेकिन एसडीओपी सचि पाठक की समझाइश पर वे घर लौट गए थे। लेकिन गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू होते ही जब कोई समाधान नहीं निकला, तो उन्होंने चक्काजाम का रास्ता अपनाया। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए कलेक्टर संजय जैन, एसपी दिलीप सोनी, एसडीएम रश्मि चतुर्वेदी सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुँचा। वरिष्ठ अधिकारियों ने परिजनों को आश्वस्त किया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले की सही सच्चाई सामने आएगी, और उस रिपोर्ट के आधार पर आवश्यक सख्त धाराओं में प्रकरण दर्ज कर निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी दिलीप सोनी ने सार्वजनिक रूप से आश्वासन दिया, "पीएम रिपोर्ट के आधार पर सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई होगी। किसी भी कीमत पर किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। अधिकारियों की विस्तृत समझाइश के बाद, परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए और लगभग दो घंटे बाद सड़क से जाम हटा लिया गया। अब पूरे क्षेत्र की नजर पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी है, जो यह तय करेगी कि यह मामला दुर्घटनावश हुई मौत का है या फिर सुनियोजित हत्या का। पुलिस कार्रवाई उसी रिपोर्ट पर निर्भर करेगी।




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