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| जनप्रतिनिधि भी बेअसर! विधायक के पत्र को PWD ने कूड़ेदान में डाला; रीवा के गढ़ की सड़क दलदल बनी, प्रशासन बना ‘तमाशबीन’ Aajtak24 News |
रीवा - रीवा जिले के गढ़ क्षेत्र की मुख्य सड़क, जो कभी राष्ट्रीय राजमार्ग-27 की पहचान हुआ करती थी, आज स्थानीय प्रशासन और लोक निर्माण विभाग (PWD) की घोर लापरवाही और मनमानी का प्रतीक बन चुकी है। सड़क की बदहाली और उस पर की गई दिखावटी "मरम्मत" ने न केवल जनता का जीवन दूभर कर दिया है, बल्कि इसने मनगवां विधायक इंजीनियर नरेंद्र प्रजापति के प्रयासों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
विधायक का आदेश, अफसरों की चुप्पी:
जनता की आवाज बनकर, विधायक नरेंद्र प्रजापति ने 30 अक्टूबर को रीवा कलेक्टर को आधिकारिक पत्र भेजकर तत्काल सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की मांग की थी। लेकिन, सूत्रों के अनुसार, PWD के अधिकारियों ने जनप्रतिनिधि के इस पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया। विभाग ने मरम्मत के नाम पर जो कदम उठाया, वह जनता के साथ एक मज़ाक साबित हुआ।
मरम्मत नहीं, दलदल का निर्माण:
गड्ढों में भरे पानी को बिना निकाले, आनन-फानन में बालू मिक्स गिट्टी डाल दी गई। इसका सीधा नतीजा यह हुआ कि सड़क अब दलदल में तब्दील हो गई है। हालत यह है कि यहाँ पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है, और प्रतिदिन वाहनों, खासकर दोपहिया और ट्रैक्टरों के पहिए, इस दलदल में धंस रहे हैं। ग्रामीणों ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा है कि यह 'सड़क नहीं, बल्कि प्रशासन की नाकामी का पोस्टर' है।
सीएम हेल्पलाइन पर झूठा दावा:
जब नागरिकों ने इस दुर्दशा को लेकर सीएम हेल्पलाइन पर शिकायतें दर्ज कीं, तो विभाग ने बेशर्मी की हद पार करते हुए जवाब दिया – "कार्य प्रगति पर है, शिकायत बंद की जाए।" ग्रामीणों का आरोप है कि न तो कोई ठेकेदार साइट पर दिखा, न ही कोई मशीनरी, फिर भी कागज़ों में 'प्रगति' दिखा दी गई। यह स्पष्ट करता है कि अधिकारीगण केवल अपनी खाल बचाने और जनप्रतिनिधि के प्रयासों को जानबूझकर नाकाम करने की साजिश में जुटे हैं।
जनता का निर्णायक सवाल:
लगातार मीडिया कवरेज और तस्वीरें वायरल होने के बावजूद रीवा जिला प्रशासन का मौन धारण करना उसकी जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। गढ़ के ग्रामीण अब आक्रोशित हैं।
"वोट के वक्त हर नेता हमारे दरवाज़े तक आता है, पर जब सड़क दलदल में डूबती है, तब कोई नज़र नहीं आता।"
जनता अब केवल वादे नहीं, बल्कि तत्काल कार्रवाई और समाधान की मांग कर रही है। उनका सीधा सवाल है कि क्या विकास सिर्फ 'फाइलों और भाषणों' तक सीमित है? ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि मुख्यमंत्री और PWD मंत्री ने जल्द हस्तक्षेप कर जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित नहीं किया, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
