शिक्षा विभाग का अजब-गजब कारनामा: स्वर्गवासी शिक्षकों से पूछा- स्कूल क्यों नहीं आए? E-Attendance पर 1568 टीचर्स को नोटिस Aajtak24 News

शिक्षा विभाग का अजब-गजब कारनामा: स्वर्गवासी शिक्षकों से पूछा- स्कूल क्यों नहीं आए? E-Attendance पर 1568 टीचर्स को नोटिस Aajtak24 News

मऊगंज - मध्य प्रदेश के नवगठित मऊगंज जिले में शिक्षा विभाग ने 1568 शिक्षकों से हमारे शिक्षक एप पर ऑनलाइन हाजिरी नियमित रूप से दर्ज न करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है। इसमें स्वर्ग सिधार चुके शिक्षकों का नाम भी शामिल है। जिला शिक्षा अधिकारी ने निर्धारित समय के अंदर जवाब मांगा है ऐसा नहीं करने पर वेतन काटने की बात कही गई है। मध्य प्रदेश के रीवा एवं मऊगंज जिले में अपने अजब गजब कारनामे के लिए शिक्षा विभाग सुर्ख़ियों में रहा है। अब नया कारनामा सामने आया है जिसमें मृतक शिक्षकों सहित 1568 शिक्षकों से हमारे शिक्षक एप पर ऑनलाइन हाजिरी नियमित रूप से दर्ज नहीं करने को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है इतना ही नहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कलेक्टर को भी धोखे में रखकर युक्त जारी की गई नोटिस को अनुमोदित करवा लिया। अब यह नोटिस न केवल चर्चा का विषय बनी हुई है बल्कि लोगों में चर्चा है कि स्वर्गसिधार चुके शिक्षक जिला शिक्षा अधिकारी को अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने कैसे पहुंचेंगे। गौरतलब है कि जिला शिक्षा अधिकारी रीवा/ मऊगंज द्वारा 12 नवंबर को जिले के 1568 शिक्षकों को स्कूल के नाम पद एवं यूनिक आईडी सहित एक लिस्ट जारी की है जिसमें विभाग ने संबंधित टीचर्स से पूछा है कि किस परिस्थिति में विभागीय निर्देश की अवहेलना करते हुए आपने ई अटेंडेंस एप पर नियमित रूप से अपनी जानकारी दर्ज क्यों नहीं की है इस बात का जवाब निर्धारित समय सीमा के अंदर चाहा गया है शिक्षा विभाग के अधिकारी ने लिखा है कि अटेंडेंस एप पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं करना स्वेच्छाचारिता एवं विभाग के आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आता है।

विभाग की बड़ी चूक, मृत शिक्षकों से मांगा जवाब

जिला शिक्षा अधिकारी रीवा/ मऊगंज ने कलेक्टर मऊगंज द्वारा अनुमोदित पत्र जारी कर मऊगंज जिले के 1568 शिक्षकों से कारण बताओ जवाब मांगा गया। जिसमें अन्य शिक्षकों के साथ 2 वर्ष पूर्व स्वर्ग सिधार चुके शिक्षक देवता दीन कोल के नाम भी ई अटेंडेंस न लगाए जाने को लेकर नोटिस जारी की गई है। मृतक शिक्षक को डीईओ द्वारा कारण बताओ सूचना कार्यालयीन पत्र क्रमांक 3631 के अनुसार देवता दीन कोल ( एएक्स1226) पद हेडमास्टर पदस्थ संस्था हायर सेकेंडरी स्कूल खर्रा डाइज कोड (23140506111) विकास खण्ड नईगढ़ी जिला मऊगंज को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है जबकि  संबंधीजन की मृत्यु हो चुकी है देवतादीन कोल का मृत्यु प्रमाण पत्र नगर पंचायत त्योंथर द्वारा दिनांक 19/05/2023 को जारी किया गया है। कमोबेश इसी तरह मृतक शिक्षक से राम गरीब दीपांकर (एडब्लू 8635) प्राथमिक शिक्षक प्राथमिक शाला वैरिहा विद्यालय डाइस कोड (23140507401)विकासखंड नईगढ़ी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। 

मृतक शिक्षकों को नोटिस, आपने नहीं लगाई ई अटेंडेंस

जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कलेक्टर से अनुमोदित नोटिस में लेख किया गया है कि हमारे शिक्षक मोबाइल एप पर ई-अटेंडेंस की रिपोर्ट का अवलोकन किया गया। जिसमें पाया गया कि आपके द्वारा पूरे माह के दौरान मात्र 0 दिवस निर्धारित समयावधि पर लॉग इन एवं मात्र 0 दिवस लॉग आउट किया गया है। जबकि अक्टूबर माह में कुल कार्य दिवस की संख्या 17 रही है। जिससे यह प्रतीत होता है कि शेष दिवसों में आप या तो शाला में उपस्थित नहीं हुए है अथवा निर्धारित समय के पश्चात् विलम्ब से उपस्थित होकर और समय पूर्व ही शाला से वर्हिगमन किये हैं। आपका यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1995 के नियम 3 के प्रावधानों के विपरीत होकर न केवल दण्डनीय है अपितु इससे शासन की छवि भी धूमिल हुई है और विद्यालय का अकादमिक स्तर पर भी प्रभावित हुआ है। अतः उपरोक्त लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता के लिऐ मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के प्रावधानों के तहत क्यों न उपरोक्त अनुपस्थिति दिवसों हेतु आपको अवैतनिक किया जाये ? तत्संबंध में आप अपना स्पष्टीकरण 3 दिवस के अंदर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। स्पष्टीकरण समय सीमा में प्राप्त न होने अथवा समाधानकारक न होने की स्थिति में कार्यवाही की जायेगी। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी आपकी होगी। कमोबेश इसी तरह रामगरीब दीपांकर को भी नोटिस जारी की गई है जबकि  विभागीय सूत्रों की माने तो लंबी बीमारी के बाद उनका निधन लगभग 6 माह पूर्व हो चुका है उनसे भी ई अटेंडेंस न लगाने के संबंध में जवाब मांगा गया है।

जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल 

शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई नोटिस विभाग के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। जारी नोटिस से अब प्रश्न उठता है कि मृत्यु होने के बाद कोई भी शिक्षक कैसे अपना जवाब प्रस्तुत करेगा, जिन शिक्षकों की मृत्यु हो गई है उनसे उपस्थित न लगाने के संबंध में जवाब मांगा गया है। उधर कई ऐसे शिक्षकों से भी जवाब चाहा गया है जिनकी पदस्थापना कहीं और है और नोटिस में पदस्थापना कहीं और दिखाई गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि विभाग की जिम्मेदारों द्वारा युक्त नोटिस को कलेक्टर से भी अनुमोदित करवा लिया गया।

विभाग के लापरवाही एवं खामियां उजागर

शिक्षा विभाग ने ई अटेंडेंस को लेकर स्वर्गसिधार चुके शिक्षकों से जवाब मांगा है जो एक गंभीर प्रशासनिक त्रुटि है। शिक्षा विभाग की यह घटना जिले की शिक्षा व्यवस्था में लापरवाही और खामियों को उजागर करती है जहां मृतकों के रिकॉर्डों की ठीक से जांच नहीं की गई, इस तरह की चूक से पता चलता है कि शिक्षा विभाग में कर्मचारियों के रिकॉर्ड का प्रबंध ठीक से नहीं हो रहा है और विभाग इस बात पर ध्यान नहीं दे रहा है कि कौन कर्मचारी सेवा में है और कौन नहीं। इतना ही नहीं विभाग के प्रबंधन में यह भी त्रुटि सामने आई है कि नवीन पद स्थापना वाले शिक्षक को पुरानी पद स्थापना को दर्शाते हुए नोटिस जारी की गई है। शिक्षा विभाग की इस घटना से यह पता चलता है कि शिक्षा विभाग के अंदर डेटा प्रबंधन की व्यवस्था ठीक नहीं है जिससे ऐसी अजीब और दुखद परिणाम सामने आ रहे हैं इस तरह की घटना से विभाग की  व्यवस्था पर सवालिया निशान लगे हैं।

ई अटेंडेंस का प्रकरण उच्च न्यायालय में लंबित

उच्च न्यायालय में हमारे शिक्षक के पर अटेंडेंस के संबंध में कार्यवाही प्रचलन में है जिससे संबंधित उच्च न्यायालय द्वारा पांच बार की सुनवाई की जा चुकी है छठी बार सुनवाई के लिए 24/11/2025 की डेट नियत की गई है  अब यहां यह बात खड़ी होती है कि क्या हाई कोर्ट में कोई मामला विचाराधीन होने पर भी कोई भी अधिकारी कार्यवाही कर सकते हैं। 

हमारे शिक्षक एप की विश्वसनीयता पर सवाल

जिस तथाकथित प्राइवेट ऐप हमारे शिक्षक पर  शिक्षकों को  अटेंडेंस लगाए जाने हेतु अधिकारियों द्वारा निरंतर दबाव बनाया जा रहा है क्या यह एप्लीकेशन शत प्रतिशत ठीक प्रकार से कार्य कर रहा है कि नहीं । संभवतः यदि यह एप्लीकेशन एप पूरी तरीके से शुद्धता से कार्य करता तो इस प्रकार से हमारे शिक्षक एप के रिपोर्ट के अनुसार मृत्यु के बाद भी शिक्षकों को कारण बताओं नोटिस जारी नहीं होती यदि यह एप्लीकेशन शत प्रतिशत विश्वसनीय नहीं है तो अधिकारी किस आधार पर शिक्षकों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए जो जांच का विषय है। इस विषय को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी रामराज मिश्रा से दूरभाष पर संपर्क किए जाने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।

इन्होंने कहा 

नईगढ़ी विकासखंड अंतर्गत आने वाले संकुल केंद्र खर्रा में पदस्थ रहे प्रधानाध्यापक देवतादीन कोल एवं इसी संकुल अंतर्गत पदस्थ रहे प्राथमिक शिक्षक रामगरीब दीपंकर का स्वर्गवास हो चुका है। ई अटेंडेंस को लेकर जारी नोटिस पोर्टल में सुधार न होने के कारण गलत जारी हुई है।


Post a Comment

Previous Post Next Post