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नरवाई जलाने पर धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश लागू... |
रीवा - पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण तथा मिट्टी की उर्वरता के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल द्वारा नरवाई जलाने पर प्रतिबंध के आदेश दिए हैं। यह आदेश सम्पूर्ण रीवा जिले में 13 अक्टूबर से लागू हो गया है। यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत जारी किए गए हैं। प्रतिबंध का उल्लंघन करके नरवाई जलाने पर दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर 2500 रुपए, दो से पाँच एकड़ तक के किसानों पर 5000 रुपए तथा पाँच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों पर 15000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत प्रकरण दर्ज कर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। आदेश की व्यक्तिश: तामीली संभव नहीं होने के कारण इसे भारतीय नागरिक संहिता की 2023 धारा 163 (2) के तहत आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है।
जारी आदेश के अनुसार खरीफ फसलों की कटाई के बाद खेतों को आग के हवाले करने वाले किसानों के खिलाफ अब कठोर कार्यवाही की जाएगी। हार्वेस्टर के माध्यम से फसल की कटाई करने पर उसमें स्ट्रारीपर लगाना अनिवार्य होगा। जिन हार्वेस्टरों में अवशेष प्रबंधन सिस्टम नही होगा, उन्हें फसल काटने की अनुमति नही दी जायेगी। आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जायेगी। जिले में चलने वाले कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रारीपर लगाना अनिवार्य होगा। जिला परिवहन अधिकारी इसकी निगरानी करें। इसका उल्लंघन करने वालों पर वैधानिक कार्यवाही करें। खेत में नरवाई जलाने से मिट्टी के कई लाभदायक सूक्ष्मजीव एवं जैविक कार्बन जलकर नष्ट हो जाते हैं। जिसके कारण मिट्टी कठोर हो जाती है। इसकी जल धारण क्षमता घट जाती है। इसलिए नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। नरवाई जलाने के स्थान पर फसल के अवशेष को एकत्रित करके पशुओं के भोजन के रूप में उपयोग करें। फसल अवशेष का उपयोग कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस बनाने में भी किया जा रहा है। इससे किसानों को अतिरिक्त राशि प्राप्त होगी। किसान यदि धान के बाद अन्य कोई फसल लेना चाहता है तो हैप्पी सीडर और सुपर सीडर से फसल की बोनी करे। इससे नरवाई मिट्टी में मिलकर खाद के रूप में फसल के लिए पोषण का कार्य करेगी। नरवाई को बेलर, रैकर एवं चापर मशीन की सहायता से बंडल बनाकर औद्योगिक ईधन के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
जारी आदेश के अनुसार पर्यावरण विभाग द्वारा जारी 2017 के नोटिफिकेशन में नरवाई जलाने पर दण्ड आरोपित करने का प्रावधान किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा भी फसल अवशेष अथवा नरवाई को जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसका उल्लंघन करने पर किसान पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। जारी आदेश को पालन कराने के लिए अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जिला स्तरीय समिति गठित की गई है। साथ ही सभी अनुभागों में एसडीएम की अध्यक्षता में निगरानी समिति गठित की गई है। आदेश का पालन सुनिश्चित कराने के लिए खण्ड स्तर पर नायब तहसीलदार, कृषि विस्तार अधिकारी एवं थाना प्रभारी को जिम्मेदारी दी गई है। जिला दण्डाधिकारी ने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को पटवारी के साथ नरवाई जलाने की घटनाओं का प्रतिवेदन तैयार कर तहसीलदार को भेजने के निर्देश दिए हैं। तहसीलदार नरवाई जलाने वाले किसानों की सुनवाई करके एसडीएम के माध्यम से अंतिम निराकरण के लिए प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक एवं समस्त अनुविभागीय दण्डाधिकारी (राजस्व), तहसीलदार एवं कृषि विभाग के संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया है।
