रीवा में 'सरकारी जमीन' पर भू-माफिया का राज: शासकीय कन्या विद्यालय की भूमि पर भी कब्जा Aajtak24 News

रीवा में 'सरकारी जमीन' पर भू-माफिया का राज: शासकीय कन्या विद्यालय की भूमि पर भी कब्जा Aajtak24 News
रीवा - रीवा जिले के विकासखण्ड गंगेव में शासकीय भूमि पर बेलगाम अतिक्रमण ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि भू-माफिया का दायरा अब खाली पड़ी जमीनों से बढ़कर शासकीय विद्यालयों, स्वास्थ्य संस्थानों, मार्गों और यहाँ तक कि धार्मिक स्थलों तक पहुँच गया है। स्थिति यह है कि कई सरकारी संपत्तियाँ केवल अभिलेखों में शासन के नाम हैं, जबकि वास्तविक रूप से स्थानीय अराजक तत्वों के कब्जे में हैं।

कन्या विद्यालय की भूमि पर अवैध निर्माण का गंभीर मामला

विकासखण्ड गंगेव के अंतर्गत स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गढ़ की भूमि पर अतिक्रमण का सबसे गंभीर मामला सामने आया है। विद्यालय की अराजी क्रमांक 51/1/2 एवं 146 पर स्थानीय अराजक तत्वों ने अवैध कब्जा जमा लिया है। इस संबंध में विद्यालय प्राचार्य ने नायब तहसीलदार, मनगवां को तत्काल हस्तक्षेप के लिए पत्र (क्रमांक 4500, दिनांक 12.11.2025) भेजा है।

प्राचार्य का दर्द: विद्यालय प्रशासन का कहना है कि भूमि पर अवैध निर्माण और कब्जे के कारण स्कूल के विकास कार्य पूरी तरह रुक गए हैं। न तो खेल मैदान का विस्तार हो पा रहा है, न ही छात्राओं की सुरक्षा हेतु अतिरिक्त भवन निर्माण संभव है। इससे छात्राओं की सुरक्षा और शिक्षण व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

प्रशासनिक लापरवाही: जानबूझकर कार्रवाई में विलंब?

सबसे बड़ा सवाल राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर उठ रहा है। आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय, भोपाल ने पहले ही निर्देश दिया था कि विद्यालय की भूमि पर हुए अतिक्रमण की प्रविष्टि RCMS पोर्टल पर तत्काल दर्ज की जाए, ताकि वैधानिक बेदखली की कार्रवाई हो सके।

लेकिन पटवारी स्तर पर घोर लापरवाही के कारण अब तक यह प्रविष्टि नहीं की गई है। इस प्रशासनिक उदासीनता के कारण शासकीय भूमि का कब्जा हटाने की पूरी प्रक्रिया वर्षों से अधर में लटकी हुई है। जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक (SSA) ने भी पत्र लिखकर राजस्व विभाग से जल्द कार्रवाई की मांग की है।

विकास कार्यों पर सीधा असर

विकासखण्ड गंगेव में विद्यालय भवन निर्माण, सड़कों का विस्तार, स्वास्थ्य केंद्रों का उन्नयन जैसी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ भूमि विवादों और अवैध कब्जों के कारण अटकी हुई हैं। शासकीय भूमि पर अतिक्रमण अब इस पूरे क्षेत्र के विकास की सबसे बड़ी बाधा बन चुका है।

स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि:

  1. पूरे रीवा जिले में विशेष अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाए।

  2. सभी शासकीय भूमि का डिजिटल सर्वे हो और RCMS पोर्टल पर वास्तविक स्थिति दर्ज कर पटवारी स्तर के कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाए।

जनता का संदेश साफ है— यदि शासन स्तर से कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में शासकीय परिसंपत्तियाँ केवल कागजों में ही रह जाएँगी और "अतिक्रमण मुक्त विकासखण्ड गंगेव" का सपना साकार नहीं हो पाएगा।

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