तहसीलदार के संरक्षण में पटवारी और कर्मचारी बेलगाम, SDO कोर्ट की फाइलें तक गायब— पूर्व अध्यक्ष दुबेदी Aajtak24 News

तहसीलदार के संरक्षण में पटवारी और कर्मचारी बेलगाम, SDO कोर्ट की फाइलें तक गायब— पूर्व अध्यक्ष दुबेदी Aajtak24 News 

रीवा/मनगवा -  मनगवा तहसील में व्याप्त व्यापक भ्रष्टाचार, कर्मचारियों की मनमानी और प्रशासनिक उदासीनता को लेकर अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रभात चंद्र दुबेदी ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। दुबेदी ने साफ शब्दों में कहा है कि तहसील मनगवा आज "लूट का अड्डा" बन चुकी है, जहां जनता को न्याय के बदले शोषण का शिकार होना पड़ रहा है।

अवैध वसूली और फाइलों की गुमशुदगी: दुबेदी ने तहसीलदार आंचल के कार्यकाल पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके अधीन कर्मचारी और पटवारी पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि लोक सेवा केंद्र 'गंगेव' के नाम पर संचालित होने के बावजूद नकल के लिए मनमाना शुल्क वसूला जा रहा है। एक पन्ने की नकल के लिए ₹20 स्टेशनरी शुल्क और ₹20 टिकट के नाम पर वसूले जा रहे हैं, जबकि कई बार अतिरिक्त धनराशि के बिना प्रतिलिपि नहीं दी जाती। सबसे बड़ी चिंता का विषय फाइलों का लापता होना है। दुबेदी ने बताया कि तहसील में फाइलों का रिकॉर्ड ध्वस्त हो चुका है और SDO कोर्ट की फैसला और अपील संबंधी कई महत्वपूर्ण फाइलें भी गायब हैं। फाइलें न मिलने पर सीधे लिख दिया जाता है— "प्रभार में प्राप्त नहीं है।

अधिवक्ताओं की अनदेखी, पटवारियों का डर: दुबेदी ने तहसील कार्यालय पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "यदि कोई फाइल पटवारी या कर्मचारी के माध्यम से आती है तो तुरंत आदेश होता है, लेकिन अधिवक्ता द्वारा लाई गई फाइलें महीनों तक बिना आदेश के पड़ी रहती हैं। उन्होंने हल्का पटवारी गढ़ और कांटी क्षेत्र के पूर्व पदस्थ कर्मचारियों पर किसानों और ग्रामीणों को फर्जी मुकदमे दर्ज कराने की धमकी देने का भी सनसनीखेज खुलासा किया। उन्होंने कहा कि पटवारी खुलेआम कहते हैं कि अधिवक्ता के बजाय सीधे उनसे काम कराओ, नहीं तो फर्जी मुकदमे में फंसा दिया जाएगा।

CCTV पर भी सवाल: तहसील परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों को लेकर भी दुबेदी ने सवाल उठाए हैं। उनके अनुसार, तहसीलदार ने कैमरे अपने निजी मोबाइल से कनेक्ट करा रखे हैं, जिससे आम जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। आरटीआई के जवाब में इन्हें निजी खर्च से लगाना बताया गया है, लेकिन दुबेदी ने मांग की है कि इन्हें आम जनता के हित में खुला किया जाना चाहिए।

उच्च प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग: अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रभात चंद्र दुबेदी ने आरोप लगाया कि तहसीलदार के संरक्षण में यह भ्रष्टाचार जारी है और उपखंड अधिकारी सहित प्रशासनिक अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। उन्होंने शासन-प्रशासन से मनगवा तहसील की तत्काल जांच कराने और किसानों एवं आम जनता के शोषण को तुरंत रोककर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।



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