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सुप्रीम कोर्ट में बड़ा सुरक्षा उल्लंघन: वकील ने CJI बीआर गवई पर हमले की कोशिश की, SCORA ने की कड़ी निंदा Aajtak24 News |
नई दिल्ली - देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में सोमवार को एक अभूतपूर्व और गंभीर सुरक्षा उल्लंघन की घटना दर्ज की गई। कोर्ट रूम 1 में सुनवाई चल रही थी, तभी एक वकील की वेशभूषा में आए व्यक्ति ने कथित तौर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर हमला करने या उन पर जूता उछालने की कोशिश की। इस घटना ने न्यायपालिका की सुरक्षा और गरिमा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कोर्ट रूम में मची अफरा-तफरी और नारेबाजी
यह चौंकाने वाली घटना तब हुई जब CJI गवई की अध्यक्षता वाली पीठ कोर्ट रूम 1 में मामलों की सुनवाई कर रही थी।
हमले का प्रयास: रिपोर्टों के अनुसार, आरोपी व्यक्ति अचानक दौड़ता हुआ आगे आया और उसने CJI गवई पर हमला करने या कुछ फेंकने (जिसे कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने जूता बताया) का प्रयास किया।
धार्मिक नारे: इस दौरान उस व्यक्ति ने कथित तौर पर "सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान" जैसे धार्मिक नारे भी लगाए, जिससे कोर्ट रूम में अफरा-तफरी मच गई।
तत्काल कार्रवाई: कोर्ट में मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल मुस्तैदी दिखाते हुए उस व्यक्ति को पकड़ लिया और उसे कोर्ट से बाहर निकाला। इस घटना के चलते कुछ देर के लिए कोर्ट की कार्यवाही बाधित रही, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था बहाल होने के बाद सुनवाई सुचारु रूप से फिर शुरू हो गई।
CJI ने रखी न्यायिक गरिमा बरकरार
इस अप्रत्याशित और व्यक्तिगत हमले के प्रयास के बावजूद, चीफ जस्टिस बीआर गवई ने अपनी न्यायिक दृढ़ता और गरिमा का परिचय दिया। उन्होंने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "ये बातें मुझे प्रभावित नहीं करतीं," और बिना विचलित हुए कार्यवाही जारी रखने का निर्देश दिया।
विवाद का आधार और कानूनी बिरादरी की प्रतिक्रिया
बताया जा रहा है कि इस हमले का प्रयास हाल ही में भगवान विष्णु की मूर्ति से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के दौरान CJI द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर सोशल मीडिया पर हुए विरोध से जुड़ा था।
SCORA की निंदा: सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCORA) ने सर्वसम्मति से इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए इसे "कानूनी पेशे की गरिमा के विपरीत" बताया। एसोसिएशन ने कहा कि यह कृत्य "न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सीधा हमला" है।
सोची-समझी चाल: SCORA ने इस घटना को सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को कलंकित करने और जनता की नजरों में इसकी गरिमा को कम करने की एक सोची-समझी चाल करार दिया है। एसोसिएशन ने कोर्ट से न्यायालय की अवमानना के लिए उचित कार्यवाही शुरू करने का आग्रह किया है।
बार एसोसिएशन का रुख: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव एडवोकेट रोहित पांडेय ने भी इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि अगर यह कृत्य वकील ने किया है तो उस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
सर्वोच्च न्यायालय ने इस गंभीर सुरक्षा उल्लंघन का स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच बिठा दी है। पकड़े गए व्यक्ति से पूछताछ जारी है ताकि इस कृत्य के पीछे की मंशा और साजिश का पता चल सके। यह घटना न्यायिक संस्थानों की सुरक्षा और न्यायाधीशों के सम्मान के मुद्दे को राष्ट्रीय पटल पर ले आई है।