![]() |
| गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई बरी! मोहाली कोर्ट ने आर्म्स एक्ट मामले में सुनाया बड़ा फैसला Aajtak24 News |
मोहाली - कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को मोहाली कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मोहाली की जिला अदालत ने आर्म्स एक्ट के एक पुराने मामले में बिश्नोई और उसके तीन अन्य साथियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। हालांकि, इसी मुकदमे में नामित एक आरोपी सोनू को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 3 साल जेल की सजा सुनाई है।
कोर्ट का फैसला और आरोपियों की स्थिति
सोहाना पुलिस स्टेशन में वर्ष 2022 में दर्ज हुए इस मुकदमे में कुल पाँच आरोपी थे। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष (सरकारी वकील) लॉरेंस बिश्नोई और तीन सह-आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा।
| आरोपी का नाम | स्थिति | आरोप |
| लॉरेंस बिश्नोई | बरी (दोषमुक्त) | सबूतों के अभाव के कारण |
| असीम उर्फ हाशम बाबा | बरी (दोषमुक्त) | सबूतों के अभाव के कारण |
| दीपक | बरी (दोषमुक्त) | सबूतों के अभाव के कारण |
| विक्रम सिंह उर्फ विक्की | बरी (दोषमुक्त) | सबूतों के अभाव के कारण |
| सोनू (मेरठ निवासी) | दोषी | 3 साल कैद और ₹500 जुर्माना (धारा 25 शस्त्र अधिनियम) |
क्यों बरी हुए लॉरेंस बिश्नोई और अन्य?
लॉरेंस बिश्नोई की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वकील करण सौफत ने बताया कि कोर्ट ने पाया कि जांच अधिकारी (आईओ) अपनी गवाही पूरी नहीं कर पाए, जिसके चलते उनकी आंशिक गवाही को साक्ष्य (Evidence) के रूप में नहीं माना गया। इस कारण लॉरेंस बिश्नोई समेत अन्य चार आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य पेश नहीं हो सके और उन्हें बरी कर दिया गया। वकील ने कहा कि अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि अभियोजन पक्ष केवल आरोपी सोनू के अपराध को ही बिना किसी उचित संदेह के सिद्ध करने में सफल रहा।
सोनू की गवाही बनी आधार
सरकारी पक्ष ने बरामदगी के एक गवाह सब-इंस्पेक्टर दीपक सिंह के बयान पर भरोसा किया। दीपक सिंह ने अदालत में पुष्टि की कि सोनू को 19 नवंबर 2022 को टीडीआई सिटी के पास से हिरासत में लिया गया था और उसके बैग से चार पिस्तौल और कारतूस बरामद हुए थे। सोनू के पास से अवैध हथियार बरामद होने की गवाही उसके खिलाफ आरोप साबित करने में निर्णायक साबित हुई। सोनू की गिरफ्तारी और उसकी निशानदेही के बाद ही इस मामले में दीपक पुंडीर उर्फ दीपू, विक्रमजीत सिंह और बाद में लॉरेंस बिश्नोई और असीम उर्फ हाशम बाबा के नाम सामने आए थे। हालांकि, अदालत ने सिर्फ सोनू को दोषी ठहराया है।
