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हाय री बेरोजगारी... एमपी में कॉन्स्टेबल की भर्ती के लिए भारी मारा-मारी |
इंदौर/भोपाल - मध्य प्रदेश में 7 हजार 500 पदों पर कॉन्स्टेबल की भर्ती होनी है। आवेदन की प्रक्रिया खत्म हो गई है। मगर कॉन्स्टेबल पद के लिए मारामारी है। एक-एक पद के लिए 13 हजार-13हजार आवेदन आए हैं। इसमें पीएचडी होल्डर भी हैं, जो कॉन्स्टेबल बनना चाहते हैं। बताया जा रहा है कि 75000 पदों के लिए करीब 10 लाख आवेदन आए हैं।
वहीं, 9.72 लाख जो आवेदन आए हैं, उनमें 42 पीएचडी होल्डर हैं। साथ ही 12000 से ज्यादा इंजीनियर ने आवेदन किया है। भर्ती परीक्षा की शुरुआत 30 अक्टूबर को होगी। मई-जून 2026 तक प्रदेश को 7500 नए कॉन्स्टेबल मिलने की उम्मीद है। उच्च शिक्षा हासिल लोग अगर कॉन्स्टेबल बनने के लिए आवेदन कर रहे हैं तो इससे प्रदेश में बेरोजगारी का आलम समझा जा सकता है।मध्य प्रदेश स्टॉफ सिलेक्शन बोर्ड के अनुसार पुलिस कॉन्स्टेबल के 7500 पदों के लिए 9.76 लाख आवेदन आए हैं। इस हिसाब से हर एक पद के लिए 13 हजार-13 हजार लोग लाइन में लगे हैं। वहीं, कॉन्स्टेबल बनने के लिए मध्य प्रदेश में न्यूनतम योग्यता 10वीं पास है। मगर आवेदन करने वाले लोगों में पीएचडी, पोस्ट ग्रेजुएशन, इंजीनियरिंग और डिप्लोमा डिग्री वाले लोग भी शामिल हैं। इससे साफ है कि अच्छी पढ़ाई के बावजूद भी लोगों के पास नौकरी नहीं है।
29 सितंबर को फॉर्म भरने की तारीख खत्म
गौरतलब है कि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 15 सितंबर को शुरू हुई थी और 29 सितंबर को खत्म होनी थी। लेकिन, आवेदनों की भारी संख्या को देखते हुए इसे बढ़ाकर 6 अक्टूबर कर दिया गया। यह दिखाता है कि कितने लोग इस नौकरी के लिए उत्सुक थे। लिखित परीक्षा 30 अक्टूबर से शुरू होगी, जिसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस शारीरिक दक्षता परीक्षा लेगी। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला, तो राज्य को मई या जून 2026 तक 7,500 नए कांस्टेबल मिल जाएंगे। वहीं, इसमें हर महीने 19,500 से 62,000 रुपये तक का वेतन मिलता है। यह सिर्फ एक नौकरी की भर्ती नहीं है, बल्कि यह एक पीढ़ी के संघर्ष को भी दिखाती है। हज़ारों ऐसे लोग जिन्होंने अच्छी-खासी पढ़ाई की है, उनके लिए यह नौकरी सिर्फ वर्दी पहनना नहीं है, बल्कि यह सम्मान, स्थिरता और रोज़गार की एक साधारण उम्मीद है।परीक्षा ऑनलाइन होगी और इसके लिए मध्य प्रदेश के 11 जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन जिलों में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, नीमच, रीवा, रतलाम, सागर, सतना, सीधी और उज्जैन शामिल हैं। यह भर्ती परीक्षा देश में रोज़गार की स्थिति पर एक बड़ी बहस छेड़ती है, जहां अच्छी-खासी तालीम वाले युवा भी कांस्टेबल जैसी नौकरियों के लिए आवेदन करने को मजबूर हैं। यह स्थिति युवाओं के सामने रोज़गार के अवसरों की कमी और उनके भविष्य की अनिश्चितता को उजागर करती है।