शहडोल के ग्राम पंचायत तितरा में भ्रष्टाचार का आरोप: शासन को लाखों का नुकसान, कमिश्नर से जांच की मांग Aajtak24 News

शहडोल के ग्राम पंचायत तितरा में भ्रष्टाचार का आरोप: शासन को लाखों का नुकसान, कमिश्नर से जांच की मांग Aajtak24 News 

शहडोल/मध्य प्रदेश - शहडोल जिले के बुढार जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत तितरा में सरपंच और सचिव पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। उपसरपंच और अन्य पंचों ने एकजुट होकर कमिश्नर को एक शिकायत सौंपी है, जिसमें ग्राम पंचायत में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितताओं की जांच और दोषी सचिव के स्थानांतरण की मांग की गई है। ग्राम पंचायत तितरा के उपसरपंच और पंचों का आरोप है कि सरपंच और सचिव केशव प्रसाद द्विवेदी अपनी मनमानी चला रहे हैं। वे किसी भी निर्णय में पंचों को शामिल नहीं करते, जिससे ग्रामीण विकास कार्यों में पारदर्शिता का अभाव है। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्होंने कई बार जनपद और जिला पंचायत में अपनी समस्याएं बताईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

शिकायत में बताया गया है कि ग्राम पंचायत की बैठकों में विकास कार्यों के एजेंडे पर कभी चर्चा नहीं की जाती है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि बैठक रजिस्टर पर भी पंचों के हस्ताक्षर नहीं लिए जाते हैं। जब पंच इस संबंध में जानकारी मांगने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें सरपंच और सचिव द्वारा धमकाया जाता है। उपसरपंच और पंचों ने आरोप लगाया कि उन्हें झूठी शिकायतें दर्ज कराकर एससी-एसटी एक्ट में फंसाने और मारपीट करने की धमकी दी जाती है। शिकायत के अनुसार, ग्राम पंचायत में कई कार्यों के लिए बिना काम किए ही राशि निकाल ली गई है। पंचों ने एक छोटे तालाब निर्माण का जिक्र करते हुए बताया कि लगभग 70 हजार रुपये बिना किसी काम के ही निकाल लिए गए। इसके अलावा, फर्जी बिल लगाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। आरोपों में यह भी कहा गया है कि कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर राजीव खरे की जमीन पर निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।

'जल गंगा संवर्धन अभियान' में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। पंचों का कहना है कि इस अभियान के तहत किए गए बोरी बंधान कार्य में भी फर्जी बिल लगाकर राशि निकाली गई है। उपसरपंच और पंचों ने कमिश्नर से इस पूरे मामले की गहन जांच कराने की मांग की है। उनका कहना है कि इस भ्रष्टाचार से शासन को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द कार्रवाई हो ताकि ग्राम पंचायत में न्याय और पारदर्शिता स्थापित हो सके।



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