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रीवा में गौ संरक्षण पर गहरा सवाल: गौशालाओं में गायों की मौत, अवैध तस्करी में पुलिस-नेताओं पर मिलीभगत का आरोप Aajtak24 News |
रीवा - विकास और शिलान्यासों के लिए मशहूर रीवा जिले में, अब गौ संरक्षण की अनदेखी और भ्रष्टाचार ने जनता को आक्रोशित कर दिया है। प्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला में बदहाली, गायों की मौत और उसके बाद उन्हें जेसीबी से दफनाए जाने की खबरें सामने आ रही हैं। इसके साथ ही, अवैध गौ तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है, जिसमें पुलिस, प्रशासन और स्थानीय नेताओं की मिलीभगत के गंभीर आरोप लग रहे हैं।
आदेशों की अनदेखी और गौशाला की दुर्दशा
हिनौती स्थित गौशाला की हालत बद से बदतर है। 21 जुलाई 2025 को सिरमौर के अनुविभागीय अधिकारी ने आदेश जारी कर कहा था कि गौशाला में अतिरिक्त गौवंशों को प्रवेश न दिया जाए, क्योंकि वहां पर्याप्त जगह नहीं है। बावजूद इसके, गौशाला प्रबंधन और कुछ प्रभावशाली लोग कथित तौर पर पैसों के लेन-देन के आधार पर गायों को अंदर भेजते रहे। इसका नतीजा यह हुआ कि कई गायें दम तोड़ रही हैं, और उनके शवों को जेसीबी से उठाकर गड्ढों में दबाया जा रहा है।
ग्रामीणों ने पकड़ा तस्करी का वाहन, पुलिस पर उठे सवाल
इस पूरे मामले का एक और चौंकाने वाला पहलू 1 सितंबर 2025 की रात को सामने आया। गढ़ थाना क्षेत्र के हिनौती मोड़ पर ग्रामीणों ने एक संदिग्ध पिकअप वाहन को पकड़ा, जिसमें गौवंश भरे हुए थे। यह वाहन एक ऐसे व्यक्ति का था जो खुद को गौ सेवक बताता है। इस घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक जिम्मेदारी और पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि रीवा से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-30 पर गौ तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है। हाल ही में अगस्त में पकड़े गए एक पिकअप को भी कथित तौर पर "निजी सेवा शुल्क" लेकर छोड़ दिया गया था, जिससे यह साफ होता है कि इस अवैध धंधे को संरक्षण प्राप्त है।
आस्था से खिलवाड़ और विपक्ष की चुप्पी
ऐसे समय में जब प्रदेश में "सनातन धर्म की सरकार" होने का दावा किया जा रहा है, गौ हत्या और तस्करी के बढ़ते मामले जनता के विश्वास के साथ सीधा खिलवाड़ हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या गौ माता को सिर्फ पोस्टर और चुनावी भाषणों तक सीमित कर दिया गया है? वहीं, विपक्ष भी इस गंभीर मुद्दे पर मौन है। कांग्रेस और अन्य दल सिर्फ चुनावी मौसम में ही गौ संरक्षण की बात करते हैं, जबकि आम दिनों में इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाते। स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की है। वे चाहते हैं कि गौशाला प्रबंधन, पुलिस अधिकारियों और इसमें शामिल सभी प्रभावशाली चेहरों की जवाबदेही तय हो और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।