भठिया ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की हदें पार, 2500 ईंटों के लिए ₹1.25 लाख का बिल वायरल Aajtak24 News

भठिया ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की हदें पार, 2500 ईंटों के लिए ₹1.25 लाख का बिल वायरल Aajtak24 News

शहडोल - मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में भ्रष्टाचार का एक और हैरान करने वाला मामला सामने आया है। बुढ़ार जनपद पंचायत की भठिया ग्राम पंचायत में 2500 ईंटों को एक लाख पच्चीस हजार रुपए (₹1.25 लाख) में खरीदा गया है। इस खरीद का बिल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे सरकारी खजाने की लूट का पर्दाफाश हुआ है। बिल के अनुसार, प्रति ईंट की कीमत ₹5 दिखाई गई है, लेकिन भाड़े समेत कुल भुगतान ₹1.25 लाख किया गया है। बिल पर ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव दोनों के हस्ताक्षर और मुहर लगी है। बिल में यह रकम अंकों के साथ-साथ शब्दों में भी लिखी गई है, जो इस बात का सबूत है कि यह भुगतान जानबूझकर किया गया है।

शहडोल में अजीबोगरीब भ्रष्टाचार की घटनाएं

यह पहला मौका नहीं है जब शहडोल जिले में इस तरह का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। बीते कुछ महीनों में यहां कई चौंकाने वाले भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए हैं:

  • 4 लीटर पेंट से पूरे स्कूल को रंगना: एक स्कूल की मरम्मत के लिए सिर्फ 4 लीटर पेंट का इस्तेमाल कर पूरे स्कूल को पेंट करने का दावा किया गया।

  • ड्राई फ्रूट्स का बिल: जल-गंगा अभियान के दौरान एक घंटे में कई किलो ड्राई फ्रूट्स खिलाने का बिल पास किया गया।

  • ₹4000 में दो पेज की फोटोकॉपी: हाल ही में, दो पेज की फोटोकॉपी के लिए ₹4000 का बिल पास होने का मामला भी सामने आया।

ये सभी मामले साबित करते हैं कि अधिकारी, सरपंच और सचिव मिलकर सरकारी पैसों का दुरुपयोग कर रहे हैं। भठिया ग्राम पंचायत का मामला भी इसी कड़ी में एक और उदाहरण है, जहां चेतन प्रसाद कुशवाहा के नाम पर जारी बिल में यह घोटाला हुआ है।

जांच का आश्वासन, पर कार्रवाई का इंतजार

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थिति लगभग सभी ग्राम पंचायतों में है। यह सब कुछ ग्रामीण पंचायत विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है, जिनकी जिम्मेदारी इन पंचायतों की निगरानी करना है। इस मामले पर शहडोल के कलेक्टर डॉ. केदार सिंह ने एसडीएम को भेजकर जांच कराने की बात कही है। हालांकि, जिले में लगातार सामने आ रहे इन मामलों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने से भ्रष्टाचार करने वालों के हौसले बुलंद हैं। जनता को अब इस बात का इंतजार है कि कलेक्टर के आश्वासन के बाद दोषियों पर कब और क्या कार्रवाई होती है।

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