न्याय' पर 'अपराध' का हमला: यूपी के शख्स ने एमपी के जज को दी 5 अरब की फिरौती और जान से मारने की धमकी Aajtak24 News

मध्य प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद: रीवा में पदस्थ न्यायाधीश को 500 करोड़ की फिरौती के लिए जान से मारने की धमकी Aajtak24 News

रीवा/मध्य प्रदेश - मध्य प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सीधी चुनौती देते हुए अपराधियों के हौसले इतने ज्यादा बुलंद हो चुके हैं कि अब वे सीधे न्याय के मंदिर में बैठे न्यायाधीशों को भी धमकी देने से नहीं डर रहे हैं। एक ताजा और बेहद गंभीर मामला रीवा जिले के त्योंथर तहसील से सामने आया है, जहां पदस्थ एक न्यायाधीश को उत्तर प्रदेश के एक सिरफिरे शख्स ने धमकी भरा स्पीड पोस्ट भेजकर पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। इस पत्र में न्यायाधीश से 5 अरब रुपये की फिरौती मांगी गई है और न देने पर जान से मारने की धमकी दी गई है। इस घटना ने न केवल रीवा जिले को बल्कि समूचे न्यायिक और प्रशासनिक हलकों को हिलाकर रख दिया है। मामला रीवा जिले के सोहागी थाना क्षेत्र अंतर्गत त्योंथर न्यायालय का है। बीते दिनों, न्यायालय में पदस्थ प्रथम व्यवहार न्यायाधीश मोहिनी भदौरिया के नाम से एक स्पीड पोस्ट आया था। जब न्यायाधीश ने इसे खोला तो उनके होश उड़ गए। धमकी भरा पत्र उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के बारा थाना अंतर्गत लोहगारा निवासी संदीप सिंह के नाम से भेजा गया था।

पत्र के जरिए शख्स ने खुद को कुख्यात दस्यु सरगना डकैत हनुमान के गिरोह का साथी बताया और 5 अरब रुपये की फिरौती की मांग करते हुए लिखा, ''जिंदा रहना है तो पैसे देने पड़ेंगे।'' इस पत्र में धमकी के साथ-साथ फिरौती देने का तरीका भी बताया गया था। पत्र में लिखा था कि फिरौती की रकम 5 अरब रुपये 1 सितंबर को शाम 7:45 बजे उत्तर प्रदेश के बड़गड़ के जंगल में लेकर आना है, और रकम न्यायाधीश को खुद ही लेकर आनी होगी। इस गंभीर घटना के बाद से पुलिस भी पूरी तरह से अलर्ट हो गई है और वह किसी भी प्रकार से कोई चूक नहीं होने देना चाहती। रीवा पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। रीवा के पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया, "बीते दिनों त्योंथर न्यायालय में पदस्थ न्यायाधीश को एक धमकी भरा पत्र आया था, जिसमें उनसे 5 अरब रुपये फिरौती की मांग की गई थी। नहीं भेजने पर जान से मारने की धमकी भी दी गई थी।

एसपी विवेक सिंह ने आगे बताया कि सूचना पर तत्काल पुलिस ने मामला दर्ज किया और खत भेजने वाले आरोपी की पहचान कर ली गई है। आरोपी उत्तर प्रदेश का निवासी है, और उसकी तलाश में पुलिस की एक टीम पहले ही उत्तर प्रदेश भेजी जा चुकी है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि जल्द ही वह पुलिस की गिरफ्त में होगा। यह घटना दर्शाती है कि समाज में अपराधियों के हौसले कितने बेखौफ हो चुके हैं कि वे सीधे न्यायपालिका से जुड़े व्यक्तियों को भी निशाना बनाने से नहीं हिचक रहे हैं। यह घटना न केवल न्यायधीश की व्यक्तिगत सुरक्षा पर बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती है। इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई प्रशंसनीय है, लेकिन इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए और भी कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


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