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मध्यम वर्ग को बड़ी राहत की उम्मीद: 175 वस्तुओं पर कम हो सकता है GST, दो नए टैक्स स्लैब प्रस्तावित Aajtak24 News |
नई दिल्ली - केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल की 56वीं बैठक नई दिल्ली में शुरू हो रही है। इस दो दिवसीय बैठक में जीएसटी स्लैब में बड़े बदलावों पर निर्णय होने की संभावना है, जिससे आम आदमी को बड़ी राहत मिल सकती है। खबर है कि सरकार लगभग 175 वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कम से कम 10 प्रतिशत की कटौती करने की योजना बना रही है।
दो नए स्लैब का प्रस्ताव, 12% की दर खत्म हो सकती है
वर्तमान में जीएसटी के चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) हैं, लेकिन इस बैठक में इन्हें घटाकर केवल दो स्लैब में लाने का प्रस्ताव है। इन प्रस्तावित स्लैब में आवश्यक वस्तुओं के लिए 5% और गैर-आवश्यक वस्तुओं के लिए 18% की दरें शामिल हैं। इसका मतलब है कि 12 प्रतिशत की मौजूदा दर को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। इसके अलावा, तंबाकू और 50 लाख रुपये से अधिक की महंगी कारों जैसी 'पाप वस्तुओं' (sin goods) के लिए 40% का एक अतिरिक्त स्लैब भी प्रस्तावित है।
इन वस्तुओं पर कम हो सकता है टैक्स
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो कई आम इस्तेमाल की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी। हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 12 प्रतिशत की कैटेगरी में आने वाली लगभग 99 प्रतिशत वस्तुएं जैसे मक्खन, फलों के रस और सूखे मेवे 5 प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगी। इसके अलावा, घी, मेवे, पीने का पानी (20 लीटर), नमकीन, कुछ जूते और कपड़े, दवाइयां और मेडिकल इक्विपमेंट जैसी रोजमर्रा की चीजें भी 12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत के स्लैब में लाई जा सकती हैं। पेंसिल, साइकिल, छाते और हेयर पिन जैसी वस्तुएं भी 5 प्रतिशत के दायरे में आ सकती हैं। इलेक्ट्रॉनिक सामान और वाहन भी होंगे सस्ते सूत्रों के मुताबिक, टीवी, वॉशिंग मशीन और रेफ्रिजरेटर जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमतें भी कम होने की संभावना है, क्योंकि इन पर मौजूदा 28 प्रतिशत की जगह 18 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जा सकता है। वाहनों पर भी अलग-अलग दरें लागू होंगी। शुरुआती स्तर की कारों पर 18 प्रतिशत, जबकि एसयूवी और लग्जरी कारों पर 40 प्रतिशत की दर लागू होगी।
कंपनियों और बीमा क्षेत्र पर प्रभाव
लगभग सभी फूड और कपड़ा उत्पाद 5% के स्लैब में आ जाएंगे, जिससे हिंदुस्तान यूनिलीवर, गोदरेज कंज्यूमर और नेस्ले इंडिया जैसी कंपनियों को बड़ा फायदा हो सकता है। वहीं, लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर शून्य प्रतिशत जीएसटी का प्रस्ताव भी है, जिससे आम जनता के लिए बीमा कराना सस्ता हो सकता है। हालांकि, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 20-40 लाख रुपये की इलेक्ट्रिक कारों पर टैक्स को 5% से बढ़ाकर 18% करने का भी निर्णय लिया जा सकता है, जबकि टेस्ला और बीवाईडी जैसी लग्जरी इलेक्ट्रिक कारों पर और भी अधिक कर लगाने का प्रस्ताव है। यह बैठक मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है, जिसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।