भिवानी शिक्षिका की मौत: PM रिपोर्ट से गहराया रहस्य, पुलिस के आत्महत्या के दावे पर उठे सवाल; CBI जांच की तैयारी Aajtak24 News


भिवानी शिक्षिका की मौत: PM रिपोर्ट से गहराया रहस्य, पुलिस के आत्महत्या के दावे पर उठे सवाल; CBI जांच की तैयारी Aajtak24 News

भिवानी/हरियाणा - हरियाणा के भिवानी में 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत का मामला एक बड़ा रहस्य बन गया है। पुलिस ने भले ही इसे आत्महत्या का मामला बताया हो, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले खुलासे पुलिस के दावों पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, अब इसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपे जाने की तैयारी है, जिसके बाद ही इस उलझी हुई गुत्थी के सुलझने की उम्मीद जगी है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में संघर्ष के निशान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 13 अगस्त को मनीषा का शव मिलने के बाद पहली बार हुए पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मृतका की सलवार फटी हुई थी और उसका नाड़ा भी खुला हुआ था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सलवार पर संघर्ष के निशान मौजूद थे, जो इस बात की ओर इशारा करते हैं कि मौत से पहले मनीषा ने किसी तरह का संघर्ष किया था। इसके अलावा, शव पर "लाल, अनियमित और उलझे हुए" घाव भी पाए गए, जिनके पास काटने के निशान थे। टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार से बातचीत में एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि "लाल" निशान यह दर्शाते हैं कि चोटें तब लगी थीं जब व्यक्ति जीवित था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के ये निष्कर्ष, पुलिस के आत्महत्या के दावे से मेल नहीं खाते हैं और एक आपराधिक कृत्य की ओर इशारा करते हैं।

पुलिस का 'आत्महत्या' का दावा और परिवार का इनकार

मनीषा 11 अगस्त को स्कूल से निकलने के बाद लापता हो गई थी। वह एक नर्सिंग कॉलेज में दाखिले की जानकारी लेने गई थी। दो दिन बाद उसका शव एक खेत में आंशिक रूप से सड़ी-गली हालत में मिला था। शुरुआती पुलिस रिपोर्ट में इसे "गलत काम करके, गला रेतकर हत्या" बताया गया था। लेकिन बाद में पुलिस ने जांच के बाद दावा किया कि मनीषा ने जहर खाकर आत्महत्या की थी। पुलिस के इस निष्कर्ष को मृतका के परिवार ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। मनीषा के पिता संजय ने पुलिस के आत्महत्या के दावे को झूठा बताते हुए कहा, "मेरी बेटी कभी आत्महत्या नहीं कर सकती। यह हत्या का मामला है और मुझे न्याय चाहिए।" परिवार ने शव का अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की।

तीसरी बार पोस्टमॉर्टम और CBI जांच की तैयारी

परिवार और गांव वालों के बढ़ते दबाव और धरने-प्रदर्शन के बाद, प्रशासन ने मनीषा के शव का तीसरी बार पोस्टमॉर्टम दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में कराने का फैसला लिया। यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पहले भिवानी सिविल अस्पताल और रोहतक के पीजीआईएमएस अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया जा चुका था। अब सरकार ने मामले की संवेदनशीलता और जनभावना को देखते हुए इसे CBI को सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस घटना ने एक बार फिर हरियाणा में महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी निगाहें CBI जांच पर टिकी हैं, जिससे इस रहस्य से पर्दा उठने की उम्मीद है।

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