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मध्यप्रदेश में जर्जर स्कूल भवन बना मौत का साया, बच्चों और शिक्षकों की जान पर खतरा khatara Aajtak24 News |
भोपाल - प्रदेश के शहडोल जिले में एक शासकीय प्राथमिक पाठशाला (आदिवासी कल्याण विभाग) का भवन दशकों से जर्जर हालत में है, जो अब बच्चों और शिक्षकों की जान के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। इस गंभीर मुद्दे पर स्थानीय वार्ड पार्षद 19, सुशील कुमार रजक 'सिल्लू' ने आवाज उठाते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी सोहागपुर को पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि तत्काल इस खतरनाक स्कूल भवन को किसी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाए, ताकि कोई बड़ा हादसा होने से पहले ही रोका जा सके।
दीवारों में दरारें और छतों से टपकता पानी
पार्षद सुशील रजक ने अपने पत्र में बताया कि डेवलेपमेंट एरिया में स्थित इस विद्यालय की हालत बेहद खराब है। भवन की दीवारें और छतें इतनी कमजोर हो चुकी हैं कि उनमें बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं और प्लास्टर उखड़ रहा है। बारिश के मौसम में छत से पानी टपकना एक आम बात है, जिससे पूरा परिसर कीचड़ और नमी से भर जाता है। हर दिन लगभग 10 से 15 बच्चे और तीन शिक्षक इसी खतरनाक माहौल में शिक्षा प्राप्त करने और देने को मजबूर हैं। पार्षद ने चेतावनी दी है कि कभी भी दीवार या छज्जा गिरने से कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है।
शाम ढलते ही असामाजिक तत्वों का अड्डा
स्थानीय निवासियों ने इस समस्या का एक और चिंताजनक पहलू उजागर किया है। उनका कहना है कि शाम होते ही यह जर्जर भवन नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है। रात भर यहां शराबखोरी और अन्य गलत गतिविधियाँ चलती हैं, जिससे पूरे मोहल्ले में डर का माहौल बना रहता है। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि इस माहौल में बच्चों का उसी जगह शिक्षा प्राप्त करना उनके लिए और भी अधिक चिंताजनक है। एक स्थानीय महिला ने कहा, "हम हर दिन डर में जीते हैं कि कहीं हमारे बच्चों के साथ कुछ गलत न हो जाए। यह शिक्षा का मंदिर नहीं, बल्कि डर का घर बन गया है।
पार्षद का सुझाव और विभाग से मांग
समस्या के समाधान के लिए पार्षद सुशील रजक ने एक व्यावहारिक सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि स्कूल को वार्ड क्रमांक 5 स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल विद्यालय, घरौला मोहल्ला के नए और खाली पड़े भवन में स्थानांतरित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यह भवन पूरी तरह सुरक्षित है और वहां पर्याप्त जगह भी है, जिससे छात्रों की पढ़ाई बिना किसी बाधा के जारी रह सकती है। पार्षद सिल्लू ने स्वयं मौके पर पहुंचकर स्थानीय महिलाओं के साथ विद्यालय का निरीक्षण भी किया है और इसकी तस्वीरें भी विभाग को भेजी हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग से इस मामले में शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करने की अपील की है, ताकि बच्चों को एक सुरक्षित और अनुकूल माहौल में शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा, "यह मुद्दा केवल एक इमारत का नहीं, बल्कि हमारे बच्चों के भविष्य और उनकी सुरक्षा का है। हमें तुरंत इस पर ध्यान देना होगा।" अब देखना यह है कि क्या प्रशासन इस गंभीर मामले पर त्वरित कार्रवाई करता है या इसे भी महज कागजी कार्रवाई तक सीमित रखा जाता है।