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दिल्ली ट्रिपल मर्डर: मानसिक रूप से बीमार बेटे ने की मां-बाप और भाई की निर्मम हत्या, खुद किया था दोस्तों को फोन Aajtak24 News |
नई दिल्ली - देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर एक दिल दहला देने वाली वारदात की गवाह बनी है। साउथ डिस्ट्रिक्ट के मैदानगढ़ी इलाके के खरक गांव में बुधवार की सुबह एक ही परिवार के तीन सदस्यों की बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस घटना ने न केवल पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है, बल्कि कई गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने इस तिहरे हत्याकांड का शक परिवार के ही एक सदस्य, मानसिक रूप से बीमार छोटे बेटे सिद्धार्थ (22) पर जताया है।
घटना का विवरण: खून से लथपथ परिवार
खरक गांव के मकान नंबर 155 में रहने वाले प्रेम सिंह (48) का परिवार एक साधारण और शांत परिवार के रूप में जाना जाता था। प्रेम सिंह एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे, उनकी पत्नी रजनी (45) गृहिणी थीं, और उनके दो बेटे थे- बड़ा ऋतिक (24) जो पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी की तलाश में था, और छोटा सिद्धार्थ। लेकिन बुधवार की सुबह जब इस घर से कुछ बड़ा होने की खबर पुलिस तक पहुंची, तो वहां का नजारा किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं था। पुलिस के पहुंचने पर ग्राउंड फ्लोर पर प्रेम सिंह और ऋतिक के शव खून से लथपथ मिले। दोनों की गर्दनें तेज धारदार हथियार से बुरी तरह काटी गई थीं। पहली मंजिल पर मां रजनी का शव मिला। उनके मुंह पर कपड़ा बंधा हुआ था और गले पर गहरे घाव थे। कमरे में हर जगह खून फैला हुआ था और पास ही खून से सना एक चाकू पड़ा मिला।
संदिग्ध बेटा और उसके हैरान करने वाले खुलासे
घर में चार लोग रहते थे, लेकिन इस वारदात के बाद सिद्धार्थ गायब था। पुलिस को तुरंत शक हुआ कि यह जघन्य अपराध उसी ने किया है। पुलिस को घर से सिद्धार्थ के इलाज से जुड़े कुछ मेडिकल पर्चे और नींद की दवाइयां भी मिलीं। पुलिस की जांच में यह सामने आया कि सिद्धार्थ पिछले 12 सालों से मानसिक बीमारी का इलाज करा रहा था और अक्सर गुस्से में परिवार के सदस्यों से झगड़ा करता था। पड़ोसियों ने भी बताया कि वह नशे का आदी था।वारदात के बाद सिद्धार्थ ने अपने दोस्तों को फोन किया और कहा, "मैंने अपने परिवार को मार डाला है, अब मैं गांव में नहीं रहूंगा।" दोस्तों ने पहले इसे मजाक समझा, लेकिन सुबह जब पड़ोस के एक लड़के ने घर का दरवाजा खुला देखा तो दिल दहला देने वाला सच सामने आया। पास में लगे सीसीटीवी फुटेज में भी सिद्धार्थ को वारदात के बाद घर के अंदर नहाते हुए देखा गया है, जिससे यह आशंका है कि उसने हत्या के बाद खुद को सामान्य दिखाने की कोशिश की।
जांच जारी: नींद की गोलियों का संदेह
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस तिहरे हत्याकांड के दौरान किसी भी पड़ोसी ने कोई चीख-पुकार नहीं सुनी। पुलिस अब इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि क्या सिद्धार्थ ने तीनों को हत्या करने से पहले नींद की गोलियां खिलाई थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मौत से पहले उन्हें कोई नशीला पदार्थ दिया गया था या नहीं। फिलहाल, पुलिस की टीमें फरार सिद्धार्थ की तलाश में जुटी हुई हैं। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ पाएगी। इस घटना ने एक बार फिर समाज में मानसिक स्वास्थ्य और नशे की समस्या के गंभीर परिणामों को उजागर किया है। परिवार में होने वाली हिंसा और आपसी मनमुटाव किस तरह एक भयानक अपराध को जन्म दे सकता है, यह घटना उसका एक भयावह उदाहरण है। पुलिस का मानना है कि सिद्धार्थ की मानसिक स्थिति और नशे की लत ही इस जघन्य वारदात का मुख्य कारण हो सकती है।