सरकारी जमीन पर कब्जा और अवैध निर्माण
प्रशासन के मुताबिक, 'मछली परिवार', जिसके सदस्य यासीन मछली और शाहवर मछली हाल ही में ड्रग तस्करी और बलात्कार के आरोपों में गिरफ्तार किए गए थे, ने कोकता के हताईखेड़ा में लगभग 15 हजार वर्ग फीट सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर यह तीन मंजिला कोठी खड़ी की थी। इस विशाल अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए नगर निगम की टीम 6 जेसीबी मशीन और पोकलेन मशीनों के साथ मौके पर पहुंची। कार्रवाई के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए लगभग 500 पुलिस जवानों को तैनात किया गया था। एसडीएम विनोद सोनकिया और पुलिस के आला अधिकारी भी पूरी कार्रवाई की निगरानी करते रहे। कार्रवाई शुरू करने से पहले कोठी में रखा सारा सामान बाहर निकलवाया गया।
अवैध गतिविधियों का काला चिट्ठा
पुलिस जांच में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है कि 'मछली परिवार' ने ड्रग तस्करी के अलावा कई अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों के जरिए करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की थी। इस परिवार के सदस्यों पर महाविद्यालय की छात्राओं से बलात्कार और उन्हें ब्लैकमेल करने जैसे जघन्य आरोप भी हैं, जिसके चलते राजधानी में इनका आतंक चरम पर था। यासीन और शाहवर मछली की गिरफ्तारी के बाद इस परिवार के काले कारनामों की परतें खुलती गईं और कई पीड़ित सामने आए। जिला प्रशासन और पुलिस ने इस परिवार की अवैध संपत्तियों की विस्तृत सूची तैयार की, जिसके बाद इन पर कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री मोहन यादव का 'बुलडोजर एक्शन'
यह ध्वस्तीकरण मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की 'अवैध गतिविधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस' की नीति का स्पष्ट प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि महिलाओं पर कुदृष्टि डालने वाले किसी भी ड्रग माफिया या 'लव जिहादी' को बख्शा नहीं जाएगा। इस कार्रवाई को मुख्यमंत्री के उस संकल्प के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें उन्होंने प्रदेश को अपराधमुक्त बनाने का दृढ़ निश्चय किया है। इससे पहले भी 30 जुलाई को प्रशासन ने 'मछली परिवार' के तीन अन्य बड़े अवैध संपत्तियों - एक फार्महाउस, वेयरहाउस और कुछ मकानों - को कड़ी सुरक्षा के बीच ध्वस्त कर दिया था।
पीड़ितों में खुशी की लहर
जब प्रशासन 'मछली परिवार' के अवैध साम्राज्य को ध्वस्त कर रहा था, तब कई ऐसे लोग भी मौके पर पहुंचे जो इस परिवार के उत्पीड़न का शिकार थे। एक व्यक्ति तो हाथ में तिरंगा झंडा लहरा रहा था, जिसका आरोप था कि मछली परिवार के सदस्यों ने उसे पहले प्रताड़ित किया था, उससे जबरन वसूली की थी और झूठे मामलों में फंसाकर जेल तक भिजवा दिया था। उसने बताया कि पहले उसकी शिकायतों पर पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही थी, लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव के सख्त रवैये के बाद उसे न्याय की उम्मीद जगी है। इस कार्रवाई से पीड़ितों में खुशी की लहर दौड़ गई है और उन्हें यह उम्मीद बंधी है कि अब उन्हें न्याय मिलेगा।
आगे की कार्रवाई और संदेश
'मछली परिवार' के अवैध निर्माण पर हुई यह कार्रवाई सिर्फ एक शुरुआत मानी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि इस परिवार की अन्य अवैध संपत्तियों की भी पहचान की जा रही है और उन पर भी जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। इस बड़े पैमाने पर हुए ध्वस्तीकरण ने भोपाल और आसपास के इलाकों में सक्रिय अन्य ड्रग माफियाओं और अपराधियों को भी एक स्पष्ट संदेश दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मध्य प्रदेश में अपराध और अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।