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रीवा-मऊगंज में खाद संकट के बीच कालाबाजारी का ट्रक पकड़ा, नेताओं और अधिकारियों पर उठे गंभीर सवाल Aajtak24 News |
रीवा/मऊगंज - मध्य प्रदेश के रीवा और मऊगंज जिले में जारी खाद संकट ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खरीफ सीजन के चरम पर जब किसानों को खाद की सबसे ज्यादा जरूरत है, तब यह उन्हें उचित दामों पर उपलब्ध नहीं हो पा रही है। हालात ऐसे हैं कि किसान एक बोरी खाद के लिए 200 से 300 रुपये तक अधिक देने को मजबूर हैं। इस संकट के पीछे बड़े पैमाने पर चल रही कालाबाजारी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसमें कथित तौर पर रसूखदार सफेदपोश नेताओं और अधिकारियों का हाथ होने के आरोप लग रहे हैं।
नेताओं और अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप
क्षेत्र के किसान खुलकर आरोप लगा रहे हैं कि खाद की यह कालाबाजारी बिना बड़े नेताओं और स्थानीय अधिकारियों के संरक्षण के संभव नहीं है। उनका कहना है कि कुछ अफसरों की मिलीभगत से जानबूझकर खाद की आपूर्ति रोकी जा रही है, ताकि खुलेआम ऊंचे दामों पर बेचा जा सके। इस संकट ने किसानों को निराश कर दिया है, क्योंकि घंटों लाइन में लगने के बाद भी उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
राजनीतिक चुप्पी पर उठे सवाल
इस गंभीर मुद्दे पर सत्ता पक्ष के नेताओं की चुप्पी किसानों को सबसे ज्यादा चुभ रही है। हर छोटे-बड़े मुद्दे पर बढ़-चढ़कर बोलने वाले नेता खाद संकट पर मौन हैं। वहीं, विपक्षी दल कांग्रेस, बहुजन और कम्युनिस्ट पार्टियां भी सिर्फ बयानबाजी तक सीमित दिखाई दे रही हैं, जिससे किसानों में गहरा आक्रोश है। किसान संगठन सवाल उठा रहे हैं कि आखिर इसका जवाब कौन देगा - वे सांसद और विधायक, जिनके क्षेत्र में किसान लुट रहे हैं, या वर्तमान सरकार, जिसके कार्यकाल में किसानों की मेहनत दांव पर लगी है।
ताजा घटनाक्रम: ग्रामीणों ने पकड़ा कालाबाजारी का ट्रक
खाद संकट के बीच एक ताजा घटनाक्रम में, मऊगंज जिले के नईगढ़ी थाना क्षेत्र के बहुती गांव में ग्रामीणों ने खाद की कालाबाजारी करते हुए एक ट्रक को रंगे हाथों पकड़ लिया। ग्रामीणों ने ट्रक को पुलिस के हवाले कर दिया है। हालांकि, हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस के कार्रवाई करने के बावजूद कृषि विभाग अब तक कोई आवश्यक जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहा है, जिससे जांच बाधित हो रही है।
इधर, किसान नेता नृपेन्द्र सिंह 'पिन्टू' की अगुआई में किसानों ने आज ही नईगढ़ी तहसील कार्यालय का घेराव किया था। इस घेराव के तुरंत बाद ही कालाबाजारी का ट्रक पकड़ा जाना प्रशासन पर दबाव को दर्शाता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और दोषियों को कब कटघरे में खड़ा करता है।
आंदोलन की चेतावनी
रीवा-मऊगंज क्षेत्र के किसानों में आक्रोश चरम पर है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही प्रशासन इस संकट को दूर करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाता है, तो वे सड़क पर उतरकर एक बड़ा आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे। किसानों के साथ हो रहे इस शोषण पर अब सरकार की कार्रवाई का इंतजार है।