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वैष्णो देवी में भारी बारिश का कहर: भूस्खलन में 31 लोगों की मौत, यात्रा निलंबित; ट्रेनें रद्द होने से फंसे सैकड़ों यात्री yatri Aajtak24 News |
कटरा/जम्मू-कश्मीर - जम्मू-कश्मीर के कटरा में माता वैष्णो देवी धाम के पास भारी बारिश और खराब मौसम ने भयावह रूप ले लिया है। अर्धकुमारी के पास हुए एक भीषण भूस्खलन में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 23 लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह हादसा अर्धकुमारी गुफा मंदिर के पास स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के नजदीक हुआ, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। लगातार हो रही बारिश और प्रतिकूल मौसम की वजह से बचाव कार्य में भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए, प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से वैष्णो देवी यात्रा को रोक दिया है। रियासी के एसएसपी परमवीर सिंह ने मौतों की पुष्टि करते हुए बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन मौसम की वजह से इसमें देरी हो रही है।
ट्रेनों के रद्द होने से और बढ़ी मुश्किल
इस दुखद घटना ने न केवल यात्रा को बाधित किया है, बल्कि सैकड़ों श्रद्धालुओं की मुश्किलों को भी कई गुना बढ़ा दिया है। खराब मौसम के कारण रेलवे ने भी अहम फैसला लेते हुए जम्मू और कटरा की ओर जाने वाली 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इसके अलावा, 27 ट्रेनों का रूट भी छोटा कर दिया गया है। जम्मू तवी के लिए रवाना हुईं बेगमपुरा एक्सप्रेस, अर्चना एक्सप्रेस और लोहित एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों को बीच रास्ते में ही निरस्त कर दिया गया। यूपी, बिहार, राजस्थान, और महाराष्ट्र समेत देश के विभिन्न हिस्सों से आए सैकड़ों श्रद्धालु कटरा में फंस गए हैं। उन्हें अब अपने घरों तक लौटने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा। बिहार के मोतिहारी जिले से आईं एक महिला राजकुमारी देवी ने बताया, "हमने सोमवार को ही दर्शन कर लिए थे। अब हमें घर जाना है, लेकिन ट्रेनें रद्द हो गई हैं। एक बड़ी दुर्घटना हुई है और हम लोग बहुत डरे हुए हैं। बस किसी तरह घर पहुंचना चाहते हैं।
इसी तरह, चंपारण से आए एक अन्य भक्त ने कहा कि उनके पास टिकट होने के बावजूद ट्रेनें रद्द हो गई हैं और वे समझ नहीं पा रहे कि बिहार तक कैसे पहुंचेंगे। उन्होंने सुना है कि दर्शन के बाद लौटते समय एक बड़ा हादसा हुआ है और वे बारिश की वजह से भी यहां फंसे हुए हैं। रेलवे ने यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है, लेकिन इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ा है जो अपनी यात्रा पूरी कर वापस लौट रहे थे। फिलहाल, प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीमें स्थिति को संभालने में जुटी हैं, लेकिन जब तक मौसम में सुधार नहीं होता, फंसे हुए यात्रियों के लिए इंतज़ार की घड़ी खत्म होती नहीं दिख रही है।