मालेगांव फैसले पर कांग्रेस का तीखा बयान: "हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं," बोलीं रेणुका चौधरी, सियासी हंगामा तेज! tej Aajtak24 News

मालेगांव फैसले पर कांग्रेस का तीखा बयान: "हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं," बोलीं रेणुका चौधरी, सियासी हंगामा तेज! tej Aajtak24 News

मालेगांव - मालेगांव बम धमाका केस में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कर्नल पुरोहित के बरी होने के बाद, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रेणुका चौधरी ने एक बेहद विवादास्पद बयान दिया है, जिसने देशभर की राजनीति में भूचाल ला दिया है। चौधरी ने ना केवल फैसले पर सवाल उठाए, बल्कि 'हिंदू आतंकवाद' के मुद्दे पर भी अपनी बात बेबाकी से रखी, जिससे सियासी पारा गरमा गया है।

"इस सरकार में तो छूटना ही था": फैसले पर सवाल

रेणुका चौधरी ने मालेगांव मामले के फैसले पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, "इस सरकार में इन लोगों को छूटना ही था। अब छूट गए हैं, देखते हैं कि आगे क्या होता है। ये हमें पहले से ही लग रहा था।" उनके इस बयान को सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर फैसले को प्रभावित करने के आरोप के तौर पर देखा जा रहा है।

"हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं": विवादित बयान से सियासी बवाल

'हिंदू आतंकवाद' जैसे शब्द के इस्तेमाल पर कांग्रेस की ओर से माफी मांगने की बात पर रेणुका चौधरी ने दो टूक इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा कहने में कोई बुराई नहीं है। चौधरी ने अपने बयान को सही ठहराते हुए कहा, "आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता है। जब हम मुस्लिम आतंकवादी कहते हैं तो हिंदू आतंकवाद कहने की मजबूरी हो जाती है। इसीलिए हम आतंकवाद ही कहते हैं। इसके बाद, जब उनसे सीधे पूछा गया कि क्या हिंदू भी आतंकवादी हो सकते हैं, तो रेणुका चौधरी ने तल्खी से जवाब दिया, "हां, हो सकते हैं।" उन्होंने इस बात को समझाने के लिए नक्सलियों का उदाहरण भी दिया। चौधरी ने पूछा, "आखिर नक्सली कौन हैं? उनका मजहब क्या है? क्या वे आतंकवादी थे? आप उन्हें क्या मानेंगे।" रेणुका चौधरी के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है और इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

अखिलेश यादव ने भी साधा निशाना, साध्वी प्रज्ञा भावुक

इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि देश की आम जनभावना यही है कि दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। यादव ने यह भी आशंका जताई कि मालेगांव का यह फैसला "अमेरिका में जो हो रहा है, शायद उसे दबाने के लिए किया गया है। एक खबर को दबाने के लिए नई खबर पैदा की गई है।

दूसरी ओर, बरी होने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर अदालत में ही भावुक हो गईं। उन्होंने रोते हुए कहा, "मेरे ऊपर आतंकवादी का टैग लगाया गया। मेरी पूरी जिंदगी ही बर्बाद हो गई। मैं तो एक संन्यासी थी तो जिंदा रह गई, जबकि हर दिन मर-मर कर मैं जी रही थी।"

रेणुका चौधरी के इस बयान के बाद आने वाले दिनों में यह मुद्दा और गरमा सकता है, खासकर जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है, वहीं भाजपा इसे लेकर कांग्रेस पर निशाना साध सकती है। इस पूरे प्रकरण पर आपकी क्या राय है? क्या 'हिंदू आतंकवादी' जैसा शब्द इस्तेमाल करना उचित है?

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