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बिहार में खाकी पर दाग: नाबालिग से गैंगरेप, थाने के चौकीदार ने पंचायत जुटाकर पीड़िता के परिजनों को पीटा pita Aajtak24 News |
वैशाली - बिहार के वैशाली जिले से मानवता को शर्मसार करने वाला एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है। यहां बिदुपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप की वारदात हुई है, जिसमें दो युवकों पर दुष्कर्म का आरोप है। लेकिन इस मामले को और भी अधिक स्तब्ध करने वाला पहलू यह है कि एक आरोपी थाने में तैनात चौकीदार का पोता बताया जा रहा है, और खुद चौकीदार ने मामले को दबाने के लिए सारी हदें पार कर दीं।
आधी रात की खौफनाक वारदात और आरोपी के घर से बरामदगी
पीड़िता के पिता द्वारा बिदुपुर थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में रोंगटे खड़े कर देने वाले ब्यौरे दिए गए हैं। पिता ने बताया कि देर रात जब उनकी नींद टूटी तो उन्होंने देखा कि उनकी बेटी बिस्तर पर नहीं थी। घर में काफी खोजबीन करने के बाद भी जब बच्ची नहीं मिली, तो परिवार में हड़कंप मच गया। घंटों की तलाश के बाद, बच्ची को अंततः एक आरोपी अविनाश कुमार के घर से बरामद किया गया, जिसके बाद परिवार को पूरी घटना की भयावहता का अहसास हुआ। आरोप है कि अविनाश और सोनू कुमार नामक दो युवकों ने बारी-बारी से इस नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया।
चौकीदार की दादागिरी: पंचायत बुलाकर दबाव और मारपीट
पुलिस थाने में चौकीदार के रूप में तैनात उपेंद्र पासवान पर आरोप है कि अपने पोते अविनाश कुमार को इस जघन्य अपराध से बचाने के लिए उसने सारी मर्यादाएं लांघ दीं। एफआईआर के अनुसार, उपेंद्र पासवान ने गांव में आनन-फानन में एक पंचायत बुलाई। इस पंचायत का उद्देश्य मामले को रफा-दफा करना और पीड़िता के परिवार पर किसी भी तरह से पुलिस कार्रवाई न करने का दबाव बनाना था।
हैरान करने वाली बात यह है कि जब पीड़िता के परिजन अपनी बच्ची के लिए न्याय की गुहार लगा रहे थे, तब चौकीदार उपेंद्र पासवान ने उन पर मामला 'तूल न देने' के लिए दबाव डाला। जब परिवार ने उसकी बात नहीं मानी, तो आरोप है कि चौकीदार ने उनके साथ गाली-गलौज की और मारपीट भी की। यह घटना पुलिस के एक कर्मी द्वारा ही कानून को धता बताने और पीड़ित परिवार को न्याय से वंचित करने की कोशिश का एक शर्मनाक उदाहरण है।
पुलिस कार्रवाई और आरोपियों की तलाश
मामले की गंभीरता को देखते हुए, सूचना मिलने पर बिदुपुर थाने की पुलिस हरकत में आई। थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आते ही पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की। पीड़िता को पुलिस अभिरक्षा में लेकर मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है, जो इस तरह के मामलों में एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रक्रिया है।
पुलिस ने पीड़िता के पिता के बयान के आधार पर तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है:
अविनाश कुमार (पिता अशोक पासवान) - मुख्य आरोपी
सोनू कुमार (पिता वीरचंद्र पासवान) - दूसरा आरोपी
उपेंद्र पासवान - थाने का चौकीदार, पोते को बचाने और पीड़ित परिवार पर दबाव डालने का आरोपी
थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने पुष्टि की है कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। इस घटना ने एक बार फिर बिहार में कानून-व्यवस्था और पुलिसकर्मियों के आचरण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। देखना होगा कि इस मामले में कितनी तेजी से और निष्पक्षता से न्याय मिल पाता है।