मध्य प्रदेश में सड़कों की गुणवत्ता सुधारने के लिए मंत्री राकेश सिंह के 'ठोस प्रयास': तकनीक, पारदर्शिता और सख्त मानक manak Aajtak24 News

मध्य प्रदेश में सड़कों की गुणवत्ता सुधारने के लिए मंत्री राकेश सिंह के 'ठोस प्रयास': तकनीक, पारदर्शिता और सख्त मानक manak Aajtak24 News

भोपाल - मध्य प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह ने राज्य में सड़कों और अन्य विभागीय कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे प्रभावी कदमों का विस्तार से ब्यौरा दिया है। उन्होंने कहा कि विभाग 'लोक निर्माण से लोक कल्याण' की अवधारणा को साकार करने के लिए तकनीकी नवाचार, पारदर्शी निरीक्षण प्रणाली और सख्त गुणवत्ता मानकों को अपना रहा है।

इंदौर के पोलोग्राउंड आरओबी में गुणवत्ता का विशेष ध्यान

मंत्री श्री सिंह ने इंदौर में निर्माणाधीन पोलोग्राउंड रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यह 1027.60 मीटर लंबा और 12.00 मीटर चौड़ा ओवरब्रिज पूरी तरह से स्वीकृत तकनीकी डिज़ाइन और मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है। रेलवे और लोक निर्माण विभाग के संयुक्त सर्वेक्षण और डिज़ाइन प्रक्रिया के तहत तैयार यह आरओबी तीन दिशाओं – पोलोग्राउंड, लक्ष्मीबाई स्टेशन और भागीरथपुरा – में यातायात सुविधा प्रदान करेगा।

श्री सिंह ने जानकारी दी कि ओवरब्रिज में कुल पांच मोड़ (वक्र) हैं, जिन्हें भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) के दिशा-निर्देशों के अनुसार बनाया जा रहा है। उन्होंने जोर दिया कि IRC मानकों के अनुसार न्यूनतम वक्र रेडियस 15 मीटर होता है, जबकि इस आरओबी के सभी मोड़ों का रेडियस लगभग 20 मीटर है, जो इसे डिज़ाइन और संरचनात्मक रूप से अत्यधिक संतुलित और सुरक्षित बनाता है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि निर्माण कार्य के सभी आयाम – जैसे रेडियस ऑफ कर्वेचर, डिज़ाइन स्पीड और सुपर एलीवेशन – मानकों के अनुरूप सुनिश्चित किए गए हैं।

सड़कों का संधारण और गुणवत्ता नियंत्रण: 'गड्ढा मुक्त' अभियान

मंत्री श्री सिंह ने गड्ढा मुक्त सड़कों को विभाग की प्राथमिकता बताया। उन्होंने स्वीकार किया कि अत्यधिक वर्षा और भारी यातायात के कारण कभी-कभी सड़कों को नुकसान होता है। इस समस्या से निपटने के लिए विभाग तकनीकी प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार कर रहा है, ताकि इंजीनियर नवीनतम तकनीकों से अपडेट रहें।

उन्होंने बताया कि 'लोकपथ मोबाइल ऐप' पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के निराकरण के लिए 7 दिन की समय-सीमा को कम करने पर भी विचार किया जा रहा है। मानसून के दौरान सड़कों की मरम्मत के लिए आधुनिक मशीनों से 'पैच रिपेयर' की व्यवस्था शुरू की गई है। हाल ही में, 8 से 10 जून के बीच 1500 से अधिक इंजीनियरों को सड़कों के निरीक्षण के लिए भेजा गया था, और उन्हें 20 जून तक सभी मरम्मत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए थे।

श्री सिंह ने स्पष्ट किया कि सड़कों की एक निश्चित उम्र होती है, लेकिन यदि वे समय से पहले खराब होती हैं तो यह जांच का विषय है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी माना कि यातायात दबाव और वाहनों के बोझ से भी सड़कों को नुकसान होता है।

अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं और स्वतंत्र गुणवत्ता नियंत्रण इकाई

सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने अपनी प्रयोगशालाओं को आधुनिक बनाया है। मंत्री ने बताया कि प्रदेश की सभी 13 मंडल स्तरीय प्रयोगशालाओं को अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित कर दिया गया है, जिससे निर्माण सामग्री की जांच अब और अधिक सटीक होगी।

इसके अतिरिक्त, प्रत्येक जिले में मोबाइल प्रयोगशालाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। प्रथम चरण में 13 मंडलों के लिए निविदा जारी की गई है, जिससे निर्माण स्थलों पर त्वरित जांच और सुधार सुनिश्चित हो सकेगा। गुणवत्ता नियंत्रण को और सुदृढ़ करने के लिए, तेलंगाना और गुजरात की तर्ज पर एक स्वतंत्र गुणवत्ता नियंत्रण इकाई स्थापित की गई है, जिसका एकमात्र काम गुणवत्ता की निगरानी करना होगा।

डामर की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी एक नई व्यवस्था लागू की गई है। अब डामर केवल सार्वजनिक क्षेत्र की रिफाइनरियों – इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम से ही खरीदा जाएगा। इसके परिवहन के लिए जीपीएस आधारित ई-लॉकिंग सिस्टम से लैस टैंकरों का उपयोग किया जाएगा, जिन्हें निर्माण स्थल पर केवल विभागीय इंजीनियर ही ओटीपी के माध्यम से खोल सकेंगे।

पारदर्शी औचक निरीक्षण और 'लोकपथ ऐप' की सफलता

विभाग ने औचक निरीक्षण के लिए एक पारदर्शी और तकनीकी प्रणाली विकसित की है। मंत्री श्री सिंह ने बताया कि एक सॉफ्टवेयर आधारित प्रणाली में निरीक्षण स्थल, दल और सैंपल का चयन पूरी तरह से रैंडम तरीके से होता है। सैंपल को गोपनीय कोड के साथ प्रयोगशालाओं में भेजा जाता है और रिपोर्ट सीधे सॉफ्टवेयर पर अपलोड होती है। इसके अगले ही दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर आवश्यकतानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है।

यह औचक निरीक्षण प्रत्येक माह की 5 और 20 तारीख को नियमित रूप से किया जा रहा है। पिछले 5 महीनों में, 70 चरणों में 348 निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर 21 ठेकेदारों, 14 अधिकारियों और 4 कंसल्टेंट्स पर कार्रवाई की गई है।

लोक निर्माण विभाग द्वारा विकसित 'लोकपथ ऐप' की सफलता जनभागीदारी और पारदर्शी शिकायत निवारण प्रणाली का प्रमाण है। ऐप पर प्राप्त शिकायतों की मॉनिटरिंग और श्रेणीकरण प्रणाली को और अधिक सटीक और जिम्मेदार बनाया जा रहा है, ताकि वास्तविक शिकायतों का शीघ्र समाधान हो सके। श्री सिंह ने कहा कि गुणवत्ता में कमी पर सख्त कार्रवाई के साथ-साथ, उत्कृष्ट कार्य करने वाले ठेकेदारों और इंजीनियरों को सम्मानित भी किया जा रहा है, जिससे सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का माहौल बन रहा है।

पर्यावरण संरक्षण और जन-कल्याण की पहल

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी विभाग ने पहल की है। 'लोक कल्याण सरोवर' और रिचार्ज बोर जैसी योजनाएं शुरू की गई हैं। सड़क निर्माण से निकलने वाली मिट्टी से 500 स्थायी जल स्रोतों का निर्माण अंतिम चरण में है, जिन्हें जियो टैग और सूचना पटल के माध्यम से चिह्नित किया जाएगा। इनकी निगरानी भी रैंडम निरीक्षण प्रणाली से की जाएगी।

मंत्री श्री सिंह ने अंत में कहा, "लोक निर्माण विभाग केवल सड़क और भवन नहीं बनाता, बल्कि प्रदेश की प्रगति और जन-कल्याण की नींव रखता है। गुणवत्ता नियंत्रण के ये ठोस प्रयास मध्यप्रदेश के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे।

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