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नईगढ़ी अंचल में अवैध शराब का राज: प्रशासनिक उदासीनता से चरमरा रही व्यवस्था, समाज पर गहराता खतरा khatra Aajtak24 News |
मऊगंज - मऊगंज जिले के नईगढ़ी अंचल में अवैध शराब का गोरखधंधा अब एक विकराल रूप ले चुका है, जिसने न केवल कानून-व्यवस्था बल्कि सामाजिक ताने-बाने पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। लाइसेंसी शराब दुकानों से कार्टूनों और बोरियों में भरकर शराब की खेप खुलेआम गांव-गांव पहुंचाई जा रही है, और यह चौंकाने वाला तथ्य है कि यह सब स्थानीय थाना और पुलिस चौकी की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर चुप्पी छाई हुई है।
खुलेआम नियमों का उल्लंघन और उपभोक्ताओं की जेब पर डाका
स्थानीय ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उनका आरोप है कि शराब दुकानों पर न तो निर्धारित मूल्य सूची (रेट लिस्ट) चस्पा की गई है और न ही शराब को उसके प्रिंट रेट पर बेचा जा रहा है। आलम यह है कि हर बोतल पर 10 से 20 रुपये अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं, जिससे ग्राहक और दुकानदारों के बीच आए दिन तीखी बहस और विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। उपभोक्ताओं का शोषण खुलेआम हो रहा है, बावजूद इसके आबकारी विभाग केवल औपचारिकताओं तक ही सीमित नजर आता है। शिकायतों के बाद भी कोई प्रभावी कदम न उठाए जाने से विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर संदेह उत्पन्न हो रहा है। नईगढ़ी बाजार की शराब दुकान पर शाम होते ही ग्राहकों की बेतरतीब भीड़ उमड़ पड़ती है। यहां वाहनों को सड़क के दोनों ओर लापरवाही से खड़ा कर दिया जाता है, जिससे मुख्य मार्ग पर अक्सर भीषण जाम की स्थिति बन जाती है। यह न केवल यातायात को बाधित करता है, बल्कि दुर्घटनाओं का खतरा भी लगातार मंडराता रहता है, जिससे आम राहगीरों और स्थानीय निवासियों की जान पर बन आती है।
मिलीभगत के गहरे आरोप और सामाजिक विरोध को कुचलने का प्रयास
इस अवैध कारोबार के पीछे गहरी सांठगांठ की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो शराब ठेकेदार और आबकारी अधिकारियों के बीच कथित मिलीभगत के कारण ही यह अवैध पैकारी बिना किसी रोक-टोक के धड़ल्ले से फल-फूल रही है। जब भी कोई सामाजिक कार्यकर्ता या जागरूक नागरिक इस अवैध धंधे का विरोध करने की हिम्मत दिखाता है, तो उसे दबाने का प्रयास किया जाता है। कई बार तो उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की धमकियां भी दी जाती हैं, जिससे वे अपनी आवाज उठाने से कतराते हैं। यह स्थिति लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के लिए बेहद चिंताजनक है।
प्रशासनिक बयान और धरातल पर चुनौती
इस गंभीर मुद्दे पर मऊगंज कलेक्टर संजय कुमार जैन ने कहा, "स्कैनर के उपयोग और रेट लिस्ट को चस्पा करने के संबंध में पूर्व में ही निर्देश जारी किए जा चुके हैं। यदि किसी दुकान में अनियमितता पाई जाती है, तो उस पर निश्चित रूप से कठोर कार्रवाई की जाएगी। अवैध पैकारी को रोकने के लिए छापेमारी भी लगातार जारी है। इसी क्रम में, रीवा रेंज के आईजी गौरव राजपूत ने बताया, "अवैध शराब बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। हमारे पिछले अभियान में 23 लाख रुपये मूल्य की अवैध शराब जब्त की गई थी। भविष्य में भी इस प्रकार की कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। हालांकि, उच्च अधिकारियों द्वारा कार्रवाई के आश्वासन दिए जा रहे हैं, लेकिन नईगढ़ी अंचल की जमीनी हकीकत इन बयानों से मेल खाती नहीं दिख रही। अवैध शराब का कारोबार न केवल राजस्व को चूना लगा रहा है, बल्कि युवा पीढ़ी को नशे की गर्त में धकेल रहा है और समाज में आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। यदि समय रहते इस गंभीर समस्या पर कठोर और प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो यह न केवल कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है, बल्कि क्षेत्र में सामाजिक अस्थिरता को भी जन्म दे सकती है।