बिजली कटौती और जर्जर भवन की त्रासदी
बताया जा रहा है कि राजेश कोल अपने प्रधानमंत्री आवास में बिजली नहीं होने से गर्मी और उमस से परेशान थे। इसी वजह से वे घर के ठीक सामने स्थित एक पुराने और जर्जर खंडहर में जाकर लेट गए। कुछ ही देर बाद, खंडहर की कमजोर दीवार अचानक भरभरा कर गिर पड़ी और राजेश उसके मलबे में दब गए। हादसे की तेज आवाज और धूल के गुबार को सुनकर उनकी पत्नी घबरा गईं और मदद के लिए चिल्लाने लगीं। उनकी पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तुरंत मलबा हटाकर घायल राजेश को बाहर निकाला।
पुलिस और प्रशासन की त्वरित मदद
हादसे के बाद राजेश की हालत गंभीर देखते हुए, उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगेव ले जाया गया। सूचना मिलने पर गढ़ थाना पुलिस उप निरीक्षक केएल बागरी और एएसआई एचडी वर्मा भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गंगेव पहुंचे और पुलिस ने अपनी ओर से राजेश को प्राथमिक राहत उपलब्ध कराई। गंगेव अस्पताल में निर्माण कार्य चलने के कारण वहां पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, जिसके चलते घायल राजेश को संजय गांधी अस्पताल, रीवा रेफर कर दिया गया। फिलहाल, उनका इलाज जारी है और डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को अब स्थिर बताया है। यह घटना बिजली कटौती और जर्जर सार्वजनिक या निजी भवनों के खतरों को उजागर करती है, जो खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।