सुबह 9 बजे शुरू हुई मुठभेड़, 2-3 घंटे तक चली
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) आदर्शकांत शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि मुठभेड़ शनिवार सुबह तकरीबन 9 बजे शुरू हुई। हाकफोर्स और कोबरा बटालियन के जवान इलाके में सर्च ऑपरेशन पर निकले थे, इसी दौरान जंगल में मौजूद नक्सलियों ने उन पर हमला बोल दिया। सुरक्षाबलों ने तुरंत पलटवार करते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। यह मुठभेड़ लगभग 2 से 3 घंटे तक चली, जिसके बाद फ़ायरिंग रुक गई।
2 माओवादियों के मारे जाने की आशंका, पुलिस कर रही सर्च ऑपरेशन
हालांकि, पुलिस ने अभी तक किसी भी माओवादी के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पुलिस का कहना है कि जब तक माओवादियों के शव बरामद नहीं हो जाते, तब तक इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। घटनास्थल पर हाकफोर्स और कोबरा बटालियन के जवान तैनात हैं और इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज़ी से चलाया जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि कुछ नक्सली गोली लगने के बाद जंगल का फायदा उठाकर भाग गए हैं।
छत्तीसगढ़ सीमा से कनेक्शन: नक्सलियों के भागकर आने की आशंका
बालाघाट का झुलनापाठ जंगल छत्तीसगढ़ की सीमा से सटा हुआ है। पिछले कई महीनों से छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा नक्सलवाद के खात्मे के लिए बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। ऐसे में सुरक्षाबलों को आशंका है कि छत्तीसगढ़ से कई माओवादी बचने के लिए मध्य प्रदेश के जंगलों में भाग आए हैं। केंद्र सरकार ने अगले साल तक देश को माओवाद से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत मध्य प्रदेश में भी नक्सलियों के संभावित ठिकानों पर लगातार सर्चिंग की जा रही है। इस मुठभेड़ को मध्य प्रदेश में 'लाल आतंक' पर एक बड़ा प्रहार माना जा रहा है, और सुरक्षाबल जंगल में छिपे अन्य नक्सलियों की तलाश में जुटे हुए हैं।