हिमाचल में भारी बारिश का कहर: सिरमौर में पुल के ऊपर बही नदी, किन्नौर में भूस्खलन Aajtak24 News

हिमाचल में भारी बारिश का कहर: सिरमौर में पुल के ऊपर बही नदी, किन्नौर में भूस्खलन Aajtak24 News

शिमला - हिमाचल प्रदेश में बीती रात से गुरुवार सुबह तक हुई भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सिरमौर और बिलासपुर जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सिरमौर के कालाअंब में तो हालात इतने बिगड़ गए कि एक पुल के ऊपर से नदी का पानी बहने लगा, जिससे यातायात ठप हो गया। हालांकि, सुबह तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। वहीं, किन्नौर जिले में भूस्खलन के कारण चौरा से मझगांव रूपी को जोड़ने वाली लिंक रोड बंद हो गई है।

जलमग्न कालाअंब, थमा NH-07 पर यातायात

सिरमौर के मैदानी इलाकों में रात भर हुई मूसलाधार बारिश से औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में भारी जलजमाव हो गया। इस कारण NH-07 पर लंबा जाम लग गया और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई। कालाअंब-त्रिलोकपुर मार्ग पर खेरी पुल पर भी पानी पुल के ऊपर से बहने लगा, जिससे पुल के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। सिरमौर में लगातार बारिश के बाद यमुना, गिरी और बाता नदी के जलस्तर में भी जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। जलस्तर बढ़ने के कारण सिरमौर के गिरि जटोन डैम के गेट भी गुरुवार सुबह खोल दिए गए हैं, जिससे निचले इलाकों में पानी का बहाव और तेज हो गया है।

इन इलाकों में हुई भारी वर्षा

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, बीते 12 घंटे में सिरमौर के धौलाकुआं (AWS) में सर्वाधिक 168.5 एमएम बरसात दर्ज की गई है। इसके अलावा, बिलासपुर में 120.4 मिमी, मनाली में 46.0 मिमी, जुब्बड़हट्टी में 44.2 मिमी, नगरोटा सूरियां में 42.4 मिमी, पांवटा साहिब में 38.4 मिमी, सुजानपुर टीरा में 37.5 मिमी, जट्टों बैराज में 34.6 मिमी, नाहन में 34.1 मिमी और गुलेर में 32.8 मिमी वर्षा दर्ज हुई है।

मॉनसून का कहर जारी, जान-माल का भारी नुकसान

राज्य में मॉनसून सीजन के शुरुआती 20 दिनों में ही भारी तबाही हुई है। आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 85 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतें भी शामिल हैं। 34 लोग अभी भी लापता हैं, और मंडी के सराज में राहत एवं बचाव अभियान जारी है, जहां अब तक 15 शव बरामद हुए हैं और 28 लोग लापता हैं। इस प्राकृतिक आपदा में 431 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 922 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसी तरह, 877 पशुशालाएं और 223 दुकानें जमींदोज हो गई हैं। 881 मवेशी और 21,500 पोल्ट्री वर्ड्स भी मारे गए हैं। बुधवार देर शाम तक प्रदेश में एक नेशनल हाईवे और 204 सड़कें बंद थीं, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

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