इज़रायल के रक्षा मंत्री का चौंकाने वाला बयान, ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई को 'जिंदा न बख्शने' की धमकी; मध्य-पूर्व में तनाव चरम पर par Aajtak24 News

इज़रायल के रक्षा मंत्री का चौंकाने वाला बयान, ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई को 'जिंदा न बख्शने' की धमकी; मध्य-पूर्व में तनाव चरम पर par Aajtak24 News 

नई दिल्ली - वैश्विक कूटनीति और सुरक्षा गलियारों में इस वक्त इज़रायल के एक बयान ने हड़कंप मचा दिया है। दिल्ली की राजधानी से लेकर दुनिया भर की राजधानियों तक, इज़रायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट का ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई को लेकर दिया गया सीधा और अभूतपूर्व बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। गैलेंट ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि तेल अवीव के अस्पताल पर हुए ईरानी मिसाइल हमले के बाद खामेनेई "अब जिंदा रहने के योग्य नहीं हैं। 

तेज़ होता ईरान-इज़रायल संघर्ष और हमले की पृष्ठभूमि: ईरान और इज़रायल के बीच दशकों से जारी छद्म युद्ध अब सीधे और खुले टकराव की ओर बढ़ता दिख रहा है। यह बयान तब आया जब ईरान की ओर से दागी गई एक मिसाइल ने तेल अवीव के प्रमुख सोरोका मेडिकल सेंटर को निशाना बनाया। इस बर्बर हमले में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हुए, जिससे इज़रायल में भारी आक्रोश और बदले की भावना बढ़ गई है। दक्षिणी इज़रायल के लिए सोरोका मेडिकल सेंटर की अहमियत को देखते हुए, इस हमले को न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित करने का प्रयास, बल्कि 'मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन' भी माना जा रहा है।

रक्षा मंत्री गैलेंट का अभूतपूर्व बयान: इज़रायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, "अस्पताल पर हमला एक युद्ध अपराध है और हम इसके पीछे बैठे असली मास्टरमाइंड खामेनेई को नहीं बख्शेंगे। उन्हें अब जिंदा रहने की इजाज़त नहीं दी जा सकती।" यह पहली बार है जब इज़रायल ने किसी राष्ट्र के सर्वोच्च नेता के जीवन को सीधे तौर पर लक्ष्य बनाकर ऐसा सार्वजनिक बयान दिया है, जो मध्य-पूर्व में भू-राजनीतिक तनाव को एक अप्रत्याशित स्तर पर ले गया है।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंता और प्रतिक्रियाएं: इस बयान के बाद मध्य-पूर्व में संघर्ष बढ़ने की आशंका और प्रबल हो गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे प्रमुख देशों ने ईरान को संयम बरतने की सलाह दी है और हमले की निंदा की है। वहीं, रूस और चीन जैसे बड़े राष्ट्र इस बढ़ते तनाव को कम करने और कूटनीतिक समाधान खोजने का प्रयास कर रहे हैं। नई दिल्ली में भी, विदेश मंत्रालय इन घटनाक्रमों पर बारीकी से नज़र रखे हुए है, क्योंकि मध्य-पूर्व में किसी भी बड़े टकराव का वैश्विक तेल आपूर्ति और क्षेत्रीय स्थिरता पर सीधा असर पड़ेगा, जिसका भारत की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ सकता है। यह विस्फोटक स्थिति ईरान और इज़रायल के बीच एक पूर्ण-स्तरीय युद्ध की संभावना को बढ़ाती है, जिसके दूरगामी परिणाम पूरे विश्व के लिए हो सकते हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post