![]() |
प्रधानमंत्री मोदी का बिहार को चुनावी सौगात: 10,000 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का अनावरण, जाति जनगणना पर नीतीश ने जताया आभार Aajtak24 News |
सीवान/बिहार - लोकसभा चुनावों से पहले सियासी सरगर्मियों के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज, शुक्रवार, 20 जून 2025 को बिहार के सीवान में एक भव्य कार्यक्रम में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर राज्य की जनता को एक विशाल सौगात दी। यह पिछले तीन हफ्तों में प्रधानमंत्री का बिहार का दूसरा दौरा है, जो आगामी विधानसभा और अन्य चुनावों के मद्देनजर राज्य पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार के गहन फोकस को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इस ऐतिहासिक अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित राज्य कैबिनेट के तमाम मंत्री व वरिष्ठ नेतागण मौजूद रहे, जिन्होंने एक मंच से केंद्र और राज्य के साझा विकास के संकल्प को दोहराया।
विकास की नई राह: कनेक्टिविटी से ऊर्जा तक की परियोजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे का मुख्य आकर्षण राज्य के बुनियादी ढांचे और जन सुविधाओं को सुदृढ़ करने वाली परियोजनाएं रहीं:
- रेलवे नेटवर्क का विस्तार: प्रधानमंत्री ने 400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित 'नई वैशाली-देवरिया रेलवे लाइन परियोजना' का उद्घाटन किया। यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी, बल्कि इस क्षेत्र में व्यापार और आवागमन को भी सुगम बनाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने इस नए मार्ग पर एक नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई, जिससे लाखों यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा।
- वंदे भारत का विस्तार: उत्तर बिहार की 'कनेक्टिविटी' को अभूतपूर्व बढ़ावा देने के लिए, पाटलिपुत्र (पटना) से मुजफ्फरपुर व बेतिया होते हुए गोरखपुर जाने वाली एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस को भी प्रधानमंत्री ने हरी झंडी दिखाई। यह सेमी-हाई स्पीड ट्रेन इस क्षेत्र के लोगों के लिए तेज, आरामदायक और आधुनिक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी, जिससे आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
- 'मेक इन इंडिया' का वैश्विक चेहरा: प्रधानमंत्री ने गिनी गणराज्य को निर्यात किए जाने वाले अत्याधुनिक रेल इंजन को भी हरी झंडी दिखाई। यह रेल इंजन मरहोरा स्थित कारखाने में निर्मित हुआ है और यह इस कारखाने से निर्यात किया जाने वाला पहला इंजन है, जो 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता और भारतीय विनिर्माण क्षमता का वैश्विक प्रदर्शन है।
- स्वच्छता और जल आपूर्ति में क्रांति: 'नमामि गंगे' परियोजना के तहत, 1,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित छह सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) का उद्घाटन किया गया। ये एसटीपी गंगा नदी को स्वच्छ रखने और शहरी क्षेत्रों में बेहतर स्वच्छता सुविधाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा, बिहार के विभिन्न शहरों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली जलापूर्ति और स्वच्छता परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी गई, जो लाखों घरों तक स्वच्छ पेयजल और बेहतर सैनिटेशन की सुविधा सुनिश्चित करेंगी।
- ऊर्जा और आवास क्षेत्र में बड़ी पहलें: प्रधानमंत्री ने 500 मेगावाट क्षमता की 'बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (बीईएसएस)' की नींव भी रखी, जो राज्य की ऊर्जा सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण के लिए महत्वपूर्ण है। 'प्रधानमंत्री आवास योजना – शहरी (पीएमएवाई-यू)' के तहत, 53,600 से अधिक लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की गई। साथ ही, 6,600 से अधिक पूरे हो चुके मकानों के 'गृह प्रवेश समारोह' के मौके पर प्रधानमंत्री ने कुछ लाभार्थियों को सांकेतिक तौर पर चाबियां भी सौंपी, जिससे उन्हें अपने सपनों का घर मिला।
नीतीश कुमार का आभार और राजनीतिक कटाक्ष:
प्रधानमंत्री के आगमन से पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र और राज्य सरकार के एकजुट प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस तरह से केंद्र और राज्य की सरकारें मिलकर काम कर रही हैं, उससे बिहार विकास की नई ऊंचाइयों को छूएगा। नीतीश कुमार ने विशेष रूप से केंद्र सरकार द्वारा 'जाति जनगणना' कराने के फैसले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया, जो बिहार की राजनीति में एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है।
अपने संबोधन में, नीतीश कुमार ने पूर्ववर्ती सरकारों और लालू परिवार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि "इससे पहले जो लोग सरकार में थे, उन लोगों ने बिहार के लिए क्या किया था? राज्य का क्या हाल था?" उन्होंने विपक्ष पर "अनाप-शनाप प्रचार" करने और जनता को गुमराह करने का भी आरोप लगाया, जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि आगामी चुनावों में विकास और सुशासन के साथ-साथ अतीत बनाम वर्तमान की बहस भी एक अहम मुद्दा होगी। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा बिहार के विकास एजेंडे को मजबूती देने के साथ-साथ आगामी राजनीतिक बिसात पर भी गहरी छाप छोड़ता दिख रहा है, जहाँ भाजपा और जद (यू) का गठबंधन एकजुटता का संदेश दे रहा है।