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ग्रेटर नोएडा में अवैध निर्माणों पर गरजेगा बुलडोजर: प्राधिकरण, पुलिस और प्रशासन का संयुक्त अभियान abhiyan Aajtak24 News |
ग्रेटर नोएडा - ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने अधिसूचित क्षेत्र में तेजी से फैल रहे अवैध निर्माणों और अतिक्रमण के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाने की योजना बनाई है। प्राधिकरण ने इस "बुलडोजर एक्शन" के लिए पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर एक संयुक्त रणनीति तैयार की है, जिसके तहत जून और जुलाई के महीनों में 20 से अधिक अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण के अधिकारियों ने उन गांवों और इलाकों की पहचान कर ली है जहां अवैध कॉलोनियों का तेजी से निर्माण हो रहा है। इन स्थानों पर बुलडोजर चलाकर इन अनाधिकृत ढांचों को ध्वस्त किया जाएगा। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि अधिसूचित क्षेत्र में बिना किसी पूर्व अनुमति के कोई भी निर्माण पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का मुख्य कार्य किसानों से भूमि अधिग्रहण कर उसे मास्टर प्लान के तहत विकसित करना है। इसमें सड़क, बिजली, पानी, सीवर जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करना और हरित क्षेत्रों का विकास करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण उद्योग, आवासीय योजनाएँ, शिक्षण संस्थान और अस्पतालों के लिए भूमि आवंटित करता है। यह सब एक सुनियोजित तरीके से होता है ताकि शहर की जनसंख्या वृद्धि के अनुसार आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा सके। हालांकि, प्राधिकरण ने पाया है कि कुछ निजी कॉलोनाइजर गांवों के आसपास अवैध कॉलोनियों की प्लॉटिंग कर रहे हैं। ये कॉलोनाइजर भोले-भाले लोगों को धोखे में रखकर उनकी जीवन भर की कमाई को इन अवैध संपत्तियों में निवेश करवा रहे हैं। प्राधिकरण लगातार ऐसे मामलों को लेकर जनसामान्य को चेतावनी देता रहा है कि वे ऐसे जालसाजों के चंगुल में न फँसें और अपनी मेहनत की कमाई को बर्बाद न करें।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सुमित यादव ने इस संबंध में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है, "अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्राधिकरण, पुलिस और प्रशासन के सहयोग से लगातार अभियान चलाया जाएगा, जिससे लोगों को गुमराह कर किए जा रहे अवैध निर्माणों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके। यह संयुक्त अभियान ग्रेटर नोएडा के ढाँचागत विकास को बचाने और उन नागरिकों के हितों की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण है जो इन धोखेबाज कॉलोनाइजरों के झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई गंवा देते हैं। प्राधिकरण का यह कदम शहर में अनुशासन और नियोजित विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।