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देश में कोरोना संक्रमण का बढ़ता ग्राफ: सक्रिय मामले 6,000 के पार, स्वास्थ्य प्रणाली पर दबाव dabav Aajtak24 News |
नई दिल्ली - भारत में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जिसने एक बार फिर से स्वास्थ्य अधिकारियों और आम जनता के बीच चिंता बढ़ा दी है। पिछले 24 घंटों में 378 नए कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है, जिसके परिणामस्वरूप देश में सक्रिय मामलों की संख्या 6,000 के खतरनाक आंकड़े को पार करते हुए 6,491 तक पहुंच गई है। इस अवधि में छह कोरोना संक्रमितों की दुखद मौत भी दर्ज की गई है। यह आंकड़े देश में कोरोना के बढ़ते प्रसार की गंभीरता और इसके संभावित गंभीर परिणामों को उजागर करते हैं।
राज्यवार विश्लेषण: कहाँ बढ़ रहा है कोरोना का खतरा?
देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना संक्रमण का प्रसार असमान रूप से देखा जा रहा है, लेकिन कुछ राज्य विशेष रूप से इसकी चपेट में हैं, जहां स्थिति चिंताजनक बनी हुई है:
- केरल: इस समय केरल देश का सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है, जहां 1,957 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं। बीते 24 घंटों में अकेले केरल में 144 नए मामलों की वृद्धि देखी गई है, जो राज्य में संक्रमण के तीव्र प्रसार का संकेत है।
- गुजरात: गुजरात में भी सक्रिय मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है और यह आंकड़ा 980 तक पहुंच गया है, जो राज्य के लिए एक बड़ी चुनौती है।
- दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी कोरोना का ग्राफ ऊपर जा रहा है, यहां सक्रिय मामलों की संख्या 728 हो गई है। पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 104 नए केस सामने आए हैं। राजधानी में अब तक कुल 1,128 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से लगभग 400 मरीज ठीक हो चुके हैं, लेकिन सात मौतें भी दर्ज की गई हैं।
- महाराष्ट्र: हालांकि महाराष्ट्र में कुछ समय पहले 'कोरोना विस्फोट' देखा गया था, लेकिन अब वहां स्थिति नियंत्रण में दिख रही है। यहां वर्तमान में 607 सक्रिय मामले हैं। हालांकि, जनवरी से अब तक महाराष्ट्र में सबसे अधिक 18 मौतें हुई हैं, जो राज्य में वायरस की गंभीरता को दर्शाता है।
- पश्चिम बंगाल: इस पूर्वी राज्य में 747 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे वहां भी स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ी है।
- कर्नाटक: दक्षिण के इस राज्य में 423 सक्रिय मामले हैं, और यहां भी संक्रमण की निगरानी की जा रही है।
- उत्तर प्रदेश: जनसंख्या के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 225 सक्रिय मामले हैं।
- तमिलनाडु: तमिलनाडु में 219 सक्रिय मामले हैं।
- हरियाणा: हरियाणा में 100 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं।
- राजस्थान: राजस्थान में 128 सक्रिय मामले हैं।
- आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश में 85 सक्रिय मामले हैं।
इसके अलावा, बिहार (50), छत्तीसगढ़ (41), मध्य प्रदेश (43), ओडिशा (34), पंजाब (35) और सिक्किम (31) जैसे राज्यों में भी कोरोना के मामले मिले हैं, जिनकी बारीकी से निगरानी की जा रही है।
दुखद मौतें: तीन राज्यों में छह लोगों ने गंवाई जान
पिछले 24 घंटों में हुई छह मौतों ने स्थिति की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। इन मौतों में:
- केरल में तीन: केरल में 51, 64 और 92 वर्ष की आयु के तीन पुरुषों ने दम तोड़ दिया। रिपोर्ट के अनुसार, ये तीनों ही पहले से कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे, जिससे उनके स्वास्थ्य की स्थिति और बिगड़ गई।
- कर्नाटक में दो: कर्नाटक में भी 51 और 78 वर्ष की आयु के दो पुरुषों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई। ये दोनों भी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझ रहे थे।
- तमिलनाडु में एक: तमिलनाडु में 42 वर्षीय एक पुरुष कोरोना संक्रमित की मौत हुई।
इस साल जनवरी से अब तक देश में कुल 65 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। हालांकि, आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अधिकांश मामले हल्के हैं और मरीज घरेलू देखभाल में ही आइसोलेशन के साथ ठीक हो रहे हैं, लेकिन बढ़ते सक्रिय मामलों को देखते हुए सावधानी बेहद जरूरी है।
केंद्र सरकार की व्यापक तैयारियां और दिशानिर्देश
बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार पूरी तरह से सतर्क है और संभावित चुनौती से निपटने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारियों की जांच के लिए देश भर में मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही हैं। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि वे ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करें। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि किसी भी आपात स्थिति में स्वास्थ्य प्रणाली तैयार रहे। हाल ही में, 2 और 3 जून को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण तकनीकी समीक्षा बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित की गई थी। इन बैठकों में आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, आपातकालीन प्रबंधन प्रतिक्रिया (EMR) प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP), दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों के प्रतिनिधि और सभी राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य मौजूदा कोरोना स्थिति और उससे निपटने की तैयारियों का मूल्यांकन करना था, ताकि एक समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
सघन निगरानी और जीनोम अनुक्रमण का महत्व
स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि IDSP के तहत राज्य और जिला निगरानी इकाइयां इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) की बारीकी से निगरानी कर रही हैं। इन बीमारियों के मामलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि इनके लक्षण कोरोना से मिलते-जुलते हो सकते हैं। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया है कि दिशानिर्देशों के अनुसार, अस्पताल में भर्ती सभी SARI मामलों और 5 प्रतिशत ILI मामलों के लिए अनिवार्य रूप से कोरोना परीक्षण की सिफारिश की जाती है। इसके अलावा, सकारात्मक SARI नमूनों को ICMR VRDL नेटवर्क के माध्यम से संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (Whole Genome Sequencing) के लिए भेजा जाता है। यह प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वायरस के नए वेरिएंट की पहचान करने और उनके प्रसार पर नज़र रखने में मदद करती है, जिससे भविष्य की रणनीति तैयार की जा सकती है। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, यह अनिवार्य है कि नागरिक सतर्क रहें और सभी आवश्यक सावधानियों का पालन करें, जिसमें मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और नियमित रूप से हाथ धोना शामिल है। क्या आप कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किसी विशेष जानकारी या उपाय के बारे में जानना चाहेंगे?