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छत्तीसगढ़: सुकमा में नक्सली IED हमले में ASP आकाश राव गिरपुंजे शहीद, कई अधिकारी घायल ghayal Aajtak24 News |
रायपुर - छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले से एक दुखद खबर सामने आई है। रविवार देर रात (कुछ स्रोतों के अनुसार सोमवार सुबह) नक्सलियों द्वारा बिछाए गए एक शक्तिशाली IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट में एडिशनल एसपी (ASP) आकाश राव गिरपुंजे वीरगति को प्राप्त हो गए। इस हमले में सब-डिवीजनल पुलिस अधिकारी (SDOP) भानुप्रताप चंद्राकर और कोंटा थाना प्रभारी सोनल ग्वाला सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी घायल हो गए हैं। यह घटना माओवादियों द्वारा 10 जून को बुलाए गए भारत बंद के आह्वान के बीच हुई है, जो सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की उनकी कोशिशों को दर्शाता है।
हमले का विस्तृत विवरण
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह घटना रविवार रात को फंदीगुड़ा के पास एक क्रेशर प्लांट में माओवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद हुई। नक्सलियों ने वहां एक बैकहो लोडर मशीन (जेसीबी) को आग के हवाले कर दिया था। इस घटना के बाद, माओवादियों ने मशीन के आसपास चालाकी से प्रेशर IED बिछा दी थी। सोमवार सुबह, इसी घटना की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की एक टीम मौके पर पहुंची। दुर्भाग्य से, जांच के दौरान ही IED में विस्फोट हो गया। इस धमाके में ASP आकाश राव गिरपुंजे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल कोंटा अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर चोटों के कारण इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। SDOP भानुप्रताप चंद्राकर और थाना प्रभारी सोनल ग्वाला सहित अन्य घायल अधिकारियों को बेहतर इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर रायपुर भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, सभी घायलों की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
शहीद ASP आकाश राव गिरपुंजे और डिप्टी सीएम का बयान
शहीद ASP आकाश राव गिरपुंजे को एक साहसी और जिम्मेदार अधिकारी के रूप में जाना जाता था। वह अपनी टीम के साथ क्षेत्र में गश्त पर थे ताकि संभावित माओवादी घटनाओं को रोका जा सके। उनके शहीद होने की खबर से पुलिस विभाग और पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में शोक की लहर फैल गई है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि "यह हमारे लिए एक दुखद क्षण है।" उन्होंने ASP गिरपुंजे को एक बहादुर जवान बताया जिन्हें कई वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। डिप्टी सीएम ने बताया कि घटना के बाद इलाके में तलाशी और अभियान शुरू कर दिया गया है।
नक्सल विरोधी अभियान और चुनौतियां
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ महीनों से नक्सलियों के खिलाफ लगातार बड़े अभियान चलाए जा रहे हैं, जिनमें सुरक्षाबलों को महत्वपूर्ण सफलताएं भी मिली हैं। इसी का परिणाम है कि कई जिलों से नक्सली पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं। हालांकि, इन कार्रवाइयों से बौखलाए नक्सली अब सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर IED विस्फोट जैसी बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, जैसा कि सुकमा में देखा गया। इससे पहले 6 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले में भी एक बड़ा नक्सली हमला हुआ था, जिसमें 8 सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक चालक सहित 9 लोग शहीद हो गए थे। वह हमला 60-70 किलोग्राम वजनी IED से किया गया था, जो पिछले दो वर्षों में सुरक्षाबलों पर किया गया सबसे बड़ा हमला था। मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे के लक्ष्य के बावजूद, नक्सलियों द्वारा बिछाई गई IEDs सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं। हालांकि, सुरक्षाबलों को मिल रही लगातार सफलताएं और नक्सलियों के संगठन में दिख रही बौखलाहट यह दर्शाती है कि यह अभियान सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।